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रांची: आज से बिहार में शुरू होगा जाति सर्वेक्षण. इस सर्वेक्षण में प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ साथ केवल जाति को सूचीबद्ध किया जायेगा. बता दें इस सर्वेक्षण में उपजाति को को दूर रखा गया है. शुक्रवार को सीएम नितीश ने कहा था की इस कास्ट सर्वे करने वालों को उचित प्रशिक्षण दिया गया है. इस समय बिहार के मुख्यमंत्री “समाधान यात्रा” पर निकले हुए है. इसी दौरान मीडिया मित्रों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि हम एक त्रुटि मुक्त जाति जनगणना चाहते हैं, गणना प्रक्रिया में शामिल लोगों को उचित रूप से प्रशिक्षित किया गया है. जाती और उपजती को चेक करने के लिए कर्मियों को उचित प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि यदि कोई जाति के स्थान पर अपनी उप-जाति का उल्लेख करता है, तो इसे क्रॉस-चेक किया जाय और सही किया जाय. सीएम ने कहा कि सर्वेक्षण में प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति का विधिवत उल्लेख किया जायेगा. सीएम ने कहा कि राज्य से बाहर रहने वालों से भी बात किया जायेगा.
दो महीने में पूरी होगी जाति सर्वेक्षण
बता दें सरकारी आदेश के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट को शिक्षकों, आंगनबाड़ी, सेविका या मनरेगा श्रमिकों में से सर्वेक्षकर्ता चुनने के लिए अधिकार प्रदान किया गया हैं. दो महीने के अंदर जाती जनगणना की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. साथ ही पूरे डेटा को संकलित एक मोबाईल ऐप से किया जायेगा. मालूम हो कि भाजपा सहित सभी राजनितिक दल इस तरह का जातिगत जनगणना चाहते थे, इसलिए बिहार सरकार ने इस जाती जनगणना के किये जाने का फैसला किया था. हालाकिं केंद्र ने राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग को ठुकरा दिया था. बता दें जातिगत गणना में 204 जातियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें 113 अति पिछड़ी जाति, 30 पिछड़ी जाति, 32 अनुसूचित जाति और 32 अनुसूचित जन जाति के साथ-साथ सामान्य वर्ग की 7 जातियां शामिल है.
इकाइयों में बांटे गये प्रत्येक वार्ड
इस जाति सर्वेक्षण में सभी जिलों के उपायुक्त को प्रधान गणना पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में पंचायत के वार्ड को इकाई में बांटा गया है जैसे वार्ड की संख्या 700 से कम है तो इसे एक इकाई माना जायेगा. अगर जनसंख्या 700 से ज्यादा है तो दूसरी इकाई माना जायेगा. इस सर्वे में हर वार्ड का नजरी नक्शा बनाकर जमा किया जायेगा, ये नक्शा सर्वेक्षण में लगे कर्मचारी ही अपने हांथो से बना कर देंगे. साथ ही इस नक़्शे में वार्ड की हर जानकारी मौजूद होगी, जैसे नदी, तालाब, पहाड़, पठार, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक भवन, पोस्ट ऑफिस. हर घर की पूरी जानकारी जैसे घर में कितने सदस्य है कौन बहार रहता है कितने लोग कमाते है मकान कच्चा है या पक्का इत्यादि.