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रांची: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम सांसद समीर उरांव ने आज झामुमो नेता के आदिवासी मुख्यमंत्री से संबंधित टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. सांसद समीर उरांव ने आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत सोरेन ने अपने कारनामों से यह साबित कर दिया कि वे पूरी तरह से आदिवासी विरोधी मुख्यमंत्री है. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ नाम के आदिवासी मुख्यमंत्री हैं, काम के नहीं. हेमंत कार्यकाल में आदिवासी विरोधी निर्णय होते रहे. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन का पूरा कार्यकाल आदिवासी विरोधी निर्णयों से भरा हुआ है. इनके कार्यकाल में आदिवासी समाज पूरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार गठित होते ही चाईबासा में आदिवासियों का सामूहिक नरसंहार हुआ.
हेमंत राज में आदिवासियों की हत्या होते रहे- बीजेपी
झामुमो के प्रेसवार्ता के बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड के अमर शहीद सिदो-कान्हो के वंशज रामेश्वर मुर्मू की नृशंस हत्या हुई. राज्य की कर्मठ दरोगा और आदिवासी समाज की होनहार बेटी रूपा तिर्की की निर्मम हत्या आदिवासी मुख्यमंत्री के रहते हुई.
'बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष का कुर्सी नहीं देना आदिवासियों का अपमान'
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि झामुमो को यह बताना चाहिये कि भाजपा के नेता विधायकदल एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया जाना क्या आदिवासी समाज का अपमान नहीं है. आगे समीर उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य बहन बेटियों पर बढ़ते अत्याचार एवं दुष्कर्म से शर्मसार हुआ है. जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित आदिवासी समाज की महिलाएं ही हुई है.
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हेमंत सरकार में आदिवासियों की ज़मीन छीने जाने का रिकॉर्ड बनाया: बीजेपी
राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सारी मर्यादाओं को तार-तार कर दिया. जब उन्होंने आदिवासियों के नाम पर आवंटित किए जाने वाले औद्योगिक जमीन को अपनी पत्नी व साली के नाम पर ही आवंटित कर दिया. आगे सरकार और मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासियों के नाम पिछली भाजपा सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और पेंशन को हेमंत सरकार ने बंद कर दिया. केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों के विकास के लिये भेजे गए पैसों के बंदरबांट हो रहा है. आगे समीर उरांव कहा कि हेमंत जी को आदिवासियों की चिंता नहीं है. उन्हें केवल अपने परिवार के विकास की चिंता है. इसलिये झामुमो को आदिवासी के नाम पर जनता को दिग्भ्रमित करना बंद करना चाहिये. उन्होंने कहा कि यह भाजपा ही है जिसने आदिवासियों के सर्वांगीण विकास की चिंता की है. हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झामुमो को परिवार से बाहर निकलने की फुरसरत ही नहीं है.