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रांची: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची को इनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिल गया है. एयरपोर्ट का विस्तारिकरण होना है, ऐसे में इनवायमेंटल क्लीयरेंस से संबंधित एनओसी जरूरी है. आधा दर्जन शर्तों के साथ राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण, झारखंड (स्टेट इनवायरमेंट इंपैक्ट एनलाइससीस ऑथरेटी,SIEAA) ने एनओसी जारी किया है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने इनवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार को आवेदन दिया था. मंत्रालय ने आवेदन को स्टेट एक्सपर्ट एप्रेजल कमेटी(STATE EXPERT APPRAISAL COMMITTEE, SEAC) को भेजा था. कमेटी ने इंनवायरमेंटल क्लीयरेंस से संबंधित एनओसी जारी करने के लिए SIEAA के पास प्रस्ताव भेजा था. SIEAA ने प्रस्ताव पर विचार करने के बाद एनओसी प्रदान करने का निर्णय 15 अप्रैल 2022 को लिया. इस संबंध में SEAC की 93वीं बैठक में इनवायरमेंटल क्लीयरेंस को लेकर निर्णय लिया गया था.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पर्यावरण क्लीयरेंस लेने के लिए आवेदन दिया था. पर्यावरण क्लीयरेंस को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया था. इसी आधार पर राज्य स्तरीय समिति ने शर्तों के साथ पर्यावरण क्लीयरेंस दिया है. इस संबंध में पूछे जाने पर बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के डायरेक्टर केएन अग्रवाल ने कहा कि इनवायरमेंटल क्लीयरेंस के सभी गाइडलाइन का पालन रांची में हो रहा है. जब नए एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा था, उसी समय पर्यावरण को देखते हुए सारे निर्माण हुए है. अभी इनवायरमेंटल क्लीयरेंस को लेकर एनओसी जारी हुआ है, इस संबंध में विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं करा सकता. वैसे रांची एयरपोर्ट पर तमाम गाइडलाइन का पालन हो रहा है.
जानें एनओसी के तहत किन किन शर्तों का करना होगा पालन
SIEAA ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के लिए एनओसी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि नए टर्मिनल भवन के रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सुनिश्चित करना होगा. बारिस के पानी और स्टॉर्म वाटर के लिए वाटर कलेक्शन चेंबर बनाने होंगे. वहीं रनवे के आसपास पौंड बनाने को कहा गया है. साथ ही एयरपोर्ट के रॉमैटेरियर है, उसको कवर्ड सेड में स्टोर करना है. साथ ही जितना बिजली का सदुपयोग हो रहा है, उसमें से 20 प्रतिशत बिजली पारंपरिक ऊर्जा के श्रोतों से लेने की व्यवस्था बहाल करने की शर्त रखी गई है. SIEAA ने जिन शर्तों की बात कही है, उसमें से ज्यादातर कार्य रांची एयरपोर्ट पर हो चुके है. अब एयरपोर्ट के विस्तारिकरण के योजना पर काम चल रहा है.
एयरपोर्ट का होगा विस्तारिकरण, 301 एकड़ जमीन चाहिए
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट का विस्तारिकरण तेजी से हो रहा है. 1568 एकड़ में फैले एयरपोर्ट के विस्तारिकरण को लेकर नए निदेशक केएन अग्रवाल ने सरकार से 301 एकड़ जमीन मांगी है. झारखंड के गर्व की बात यह है कि राजधानी रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को देश में दूसरा स्थान मिला है. यहां से हर दिन यात्रा करने वाले यात्रियों ने इसे बेहतर बताया है. ग्राहक संतुष्टि के मामले में विमान यात्रियों ने यहां उपलब्ध सेवाओं को अछा बताते हुए अच्छे नंबर दिए हैं. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन तत्कालीन नागिरक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने 24 मार्च 2013 को किया था. वर्तमान में इस एयरपोर्ट का उपयोग सलाना 1.2 मिलियन से अधिक यात्रियों द्वारा किया जाता है. यह देश का 20वां सबसे व्यस्त एयरपोर्ट के रूप में जाना जाता है.
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की विशेषता
एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन 19,600 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. जिसका निर्माण तकरीबन 138 करोड़ की लागत से हुआ है. इसमें दो एयरो-ब्रिज और छह एस्केलेटर हैं और इस्तेमाल किए गए उपकरण जर्मनी, चीन और सिंगापुर से आयात किए गए थे. टर्मिनल में एक बार में 500 घरेलू और 200 अंतराष्ट्रीय यात्रियों को संभालने की क्षमता है.