रांची: रामदास साहू एंड कंपनी ने झारखंड में किसानों के नाम पर देश का सबसे बडा़ घोटाला किया है. धान खरीद के नाम पर साहू ने सिर्फ पलामू में 500 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी की. रामदास साहू किसानों के नाम पर आईडी बनाकर हर साल करोड़ों की निकासी करता है. उपायुक्त द्वारा कराई गई जांच में ये खुलासा हुआ है. कई अंचल में साहू के फर्जीवाडे़ के सबूत मिले हैं. डीसी के आदेश पर पलामू जिले के सभी 13 अंचलाधिकारी साहू के खिलाफ जांच कर रहे हैं. मनातू अंचलाधिकारी की जांच में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. साहू ने किसानों के साथ फ्रॉड किया है. साहू ने 21 किसानों के आईडी में मैक्सीमम 300 क्विंटल धान का क्रय दिखाया. एक एकड़ से लेकर सात एकड़ तक के सभी किसानों से 300 क्विंटल धान की खरीदारी हुई. जिस किसान की क्षमता 10 क्विंटल उपज करने की है, उससे भी 300 क्विंटल धान साहू एंड कंपनी ने खरीदा.
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किसानों के एकाउंट में लाखों आने के अगले ही दिन साहू एंड कंपनी राशि निकाल लेती है. घोटाले के इस खेल में एफसीआई, जेएसएफसी के अफसर भी रामदास साहू के पार्टनर हैं. झारखंड बनने के बाद से ही साहू चला रहा है धान खरीद के नाम पर घोटाले का खेल. इस खेल का मास्टरमाइंड है रामदास साहू, रिश्तेदारों के नाम पर कई फर्जी कंपनियां. रामदास साहू फर्जीवाडा़ कर खुद को बचाने के लिए भाजपा में सक्रिय. वहीं बेटा कांग्रेस का नेता है. रामदास साहू धान खरीदने, बेचने, ट्रांसपोर्टिंग और अपने ही मिल में चावल बनाने का धंधा करता है. साहू के इशारे पर ही किसानों की आईडी बनाकर करोडो़ का घोटाला किया जा रहा है. किसानों के एकाउंट से रामदास साहू की कंपनियों में सीधे पैसा चला जाता है. पलामू, रांची सहित कई शहरों में रामदास साहू की करोड़ों की प्रोपर्टी है. सीबीआई, एसीबी को मिली शिकायत, हाईकोर्ट में पीआईएल दर्ज. अरूण दूबे ने रामदास साहू के खिलाफ जनिहत याचिका दायर की है. जांच हुई, तो कई जिलों में ऐसे सिंडिकेट का पता चलेगा.