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रांची: झारखंड हाईकोर्ट आजसू विधायक सुदेश महतो, सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, लंबोदर महतो, और रामचंद्र सहिस को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने सभी को 25 - 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है. अदालत ने सभी को विक्टिम कंपनसेशन एक्ट के तहत कुल 80 हजार रुपये घायल पुलिसकर्मियों के नाम निचली अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है. सभी को जांच में सहयोग करने और आइओ को बुलाए जाने पर हाजिर होने का निर्देश दिया गया है. अपना मोबाइल नंबर भी नहीं बदलने का निर्देश अदालत ने दिया है. सभी पर सीएम आवास घेराव करने के दौरान सुरक्षा घेरा तोड़ कर प्रदर्शन करने , पुलिसकर्मियों से मारपीट करने और सरकारी आदेश का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था. ओरमांझी सीओ ने इनके खिलाफ लालपुर थाने में भादवि की धारा 147, 149, 341, 323, 332, 353 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
आजसू की ओर से ओबीसी को 27% आरक्षण को लेकर पिछले साल सितंबर में रांची के मोराबादी मैदान में आंदोलन कर रहे थे. अचानक आजसू कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास घेराव करने का मन बना लिया और सीएम आवास की तरफ कूच कर गए. सीएम आवास की तरफ आजसू कार्यकर्ता का हुजूम जाते देख पुलिस ने रोकने की कोशिश की इसी क्रम में लाठी चार्ज करना पड़ा. इसके बाद सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. सभी ने अग्रिम जमानत के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी. निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सभी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
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सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इस घटना में करीब आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. सभी ने सरकारी नियमों और आदेश का उल्लंघन किया है, इसलिए जमानत प्रदान नहीं की जानी चाहिए. जबकि प्रार्थियों का कहना था कि उनके खिलाफ गलत मामला दर्ज किया गया है. इस कारण जमानत मिलनी चाहिए. अदालत ने सभी की जमानत याचिका मंजूर कर लिया और सभी को इसी मामले में आजसू नेता देवशरण भगत और अन्य के मामले में दिए गए जमानत की शर्तों के साथ जमानत प्रदान करनी अनुमति दी. देवशरण भगत एवं अन्य के मामले में सभी घायल आठ पुलिसकर्मियों के नाम दस दस हजार रुपये जमा करने के बाद अदालत ने जमानत प्रदान करने की अनुमति दी है. यही शर्त सुदेश महतो और अन्य के मामले में भी अदालत ने लागू की है.