रांची सहित प्रदेशभर में प्रकोप, रिम्स में इलाज कराने वाले बच्चों की संख्या में बढोत्तरी
न्यूज11 भारत
रांचीः कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले और मंकीपॉक्स के डर अलावा देश में अब एक और बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. झारखंड सहित कई राज्यों में स्क्रब टाइफस के मामलों का पता लगने के बाद चिंता बढ़ रही है. इस स्क्रब टाइफस बीमारी के अधिकांश मामलों में मरीज बच्चे ही हैं. बता दें कि,कोलकाता में स्क्रब टाइफस के कई मामलों की पुष्टि की गयी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां शुरु कर दी हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग को फैलाने वाला कीड़ा झाड़ियों में पनपता है, जो दिखने में खटमल से भी छोटा होता है. एक्सपर्ट डॉक्टरों के अनुसार, इंसानों में स्क्रब टाइफस बीमारी संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है. यह 2 साल से 15 साल तक के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है. पिछले 3-4 साल से बरसात के मौसम में यह प्रकोप दिखा रहा है. रिम्स के पीडियाट्रिक विभाग समेत शहर के विभिन्न अस्पतालों में 50 बच्चे भर्ती हैं, जबकि 1 से 20 सितंबर तक 40 बच्चों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.
क्या है ‘स्क्रब टाइफस’?
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रभात रंजन के अनुसार, ‘स्क्रब टाइफस’ बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होती है. स्क्रब टाइफस की बीमारी एक विशेष कीड़े के डंक से होती है. थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स नामक यह कीड़ा जब शरीर में प्रवेश करता है तो उससे शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. एक्सपर्ट्स द्वारा यह सलाह दी गयी कि जब स्क्रब टाइफस की बीमारी के लक्षण दिखायी दें तो साधारण पेनकिलर या पैरासिटामोल जैसी दवाइयां लेने की बजाय तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें.
स्क्रब टाइफस के लक्षण
- तेज सिरदर्द
- डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स
- उल्टी होना आदि
- डंक मारने का घाव और रैशेज
- बुखार आना
- हाथों- पैरों में बहुत अधिक दर्द
- आंखों के आसपास दर्द महसूस होना
- स्क्रब टाइफस से बचाव के उपाय क्या हैं?
- चूंकि स्क्रब टाइफस बच्चों में फैलने वाली बीमारी है इसीलिए, बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं.
- घर के बाहर जाते समय बच्चों को जूते पहनकर ही बाहर जाने दें और उन्हें पार्क और बगीचों में झाड़ियों के आसपास जाने से रोकें.
- बच्चों को धूल- मिट्टी और घास के सम्पर्क में आने से बचाएं.
- बच्चे को बुखार आने पर उसे डॉक्टर को दिखाएं.