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रांची: झारखंड कांग्रेस के निलंबित तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की गिरफ्तारी के बाद बंगाल पुलिस ने जांच तेज कर दिया है. मामले की जांच बंगाल सीआईडी कर रही है. जांच तेज होने के नए तथ्य सामने आ रहे हैं. बुधवार की सुबह पश्चिम बंगाल की सीआईडी टीम दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित सिद्धार्थ मजुमदार के ठिकाने पर छापेमारी के लिए पहुंची थी. लेकिन दिल्ली की साउथ वेस्ट पुलिस ने सीआईडी टीम को जांच कार्य से रोक दिया. जबकि बंगाल की सीआईडी टीम कोर्ट से वारंट लेकर पहुंची थी. सीआईडी जांच में सिद्धार्थ मजूमदार का भी नाम सामने आया है. अबतक जो बातें सामने आ रही है, उसके अनुसार, कांग्रेस के विधायकों को 29 जुलाई को कोलकाता से गुवाहाटी सिद्धार्थ ही ले गया था. सिद्धार्थ ने ही 20 जुलाई को विधायकों की मुलाकात असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा से करवाया था. इसी वजह से कोलकाता की सीआईडी सिद्धार्थ की तलाश कर रही है.
अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि 30 जुलाई को विधायक इरफान अंसारी अपने सहायक कुमार प्रतीक के साथ कोलकाता के लालबाजार स्थित व्यवसायी के कार्यालय गए थे. यहीं पर महेंद्र अग्रवाल ने उन्हें 49 लाख रुपये दिए थे. इसके पहले सभी सदर स्ट्रीट के एक होटल में 3.06 बजे पहुंचे थे, इसके बाद सभी वहां से 3.14 बजे निकल गए थे. होटल के कर्मी ने अपने बयान में बताया था कि विधायकों ने अपने वीवीआईपी होने की बात कही थी, यही वजह थी कि उनके कमरे में आने की इंट्री नहीं की गई थी. उधर, मंगलवार को सीआईडी कोलकाता के आईजी-1 प्रणव कुमार के नेतृत्व में सीआईडी की टीम ने लालबाजार के बीकानेर बिल्डिंग में शेयर ट्रेडिंग से जुड़े कारोबारी महेंद्र अग्रवाल के कोस्मोपालिटन कोमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर में छापा मारा था. छापेमारी के बाद पुलिस को मौके से 3.34 लाख रुपये व चांदी के 250 सिक्के बरामद किए. जानकारी के मुताबिक, महेंद्र अग्रवाल का शेयर ट्रेडिंग का कारोबार है. जिसके बाद से ही सीआईडी सिद्धार्थ की तलाश कर रही है.