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रांची: रांची नगर निगम क्षेत्र में अब 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले से बने कैरी बैग या उत्पाद भी प्रतिबंधित होंगे. 31 दिसंबर 2022 तक आम दिनों के साथ-साथ किसी भी उत्सव, सामुदायिक आयोजन/कार्यक्रम इत्यादि में 75 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक के उत्पादों का आयात, भंडारण, विक्रय और उपयोग करना दंडनीय अपराध है. मगर इसके बाद 120 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक के उत्पादों का बिक्री-उपयोग करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा. इसको लेकर उप नगर आयुक्त ने निर्देश जारी कर दिया है. जिसमें कहा है कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 यह स्पष्ट किया गया है कि प्लास्टिक से बने कैरी बैग या उत्पादन जिनकी मोटाई 75 माइक्रोन से कम है एवं गैर-बुना हुआ प्लास्टिक कैरी बैग जो 60 ग्राम प्रति वर्ग मीटर (GSM) से कम है उसका उपयोग 30 सितंबर 2021 से प्रतिबंधित है. वहीं, 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन की मोटाई से कम के प्लास्टिक से बने कैरी बैग या उत्पाद भी अब प्रतिबंधित होंगे. उप नगर आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उक्त प्रतिबंधित सामाग्रियों का आयात, भंडारण, विक्रय अथवा उपयोग करते हुए पकड़े जाने पर झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 और प्लास्टिक अपशिष्ट नियम, 2016 के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. न्यूनतम 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
01 जुलाई से ये सामान हो जाएंगे बैन
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के उप नियम (2) के अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया है कि 1 जुलाई 2022 की तारीख से पोलीस्टाइरीन और विस्तारित पोलीस्टाइरीन वस्तुओं सहित निम्नलिखित एकल-प्रयोग प्लास्टिक वस्तुओं का विनिर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर बैन लगाया गया है. इसके तहत प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैड़ी स्टिक, आइक्रीम की डंडिया, पोलीस्टाइरीन (थर्मोकोल) की सजावटी सामग्री, प्लेट, कप-गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसे कटलीरी, मिठाई के डिब्बों के इर्द-गिर्द लपेटने या पैक करने वाली फिल्में, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट आदि पर रोक लगाई गई है. 100 माईक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्ट्रिर आदि पर (कंपोस्ट योग्य प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं पर लागू नहीं होगें) पर यह नियम लागू नहीं होंगे.
राज्य प्रदूषण बोर्ड भी जारी कर चुका है नोटिस
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निर्देश के आलोक में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक से संबंधित नोटिस जारी कर चुका है. नोटिस में इसके उत्पादन, भंडारण, वितरण और इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की बात कही गई थी. 30 जून से पहले इन सामानों की संख्या को शून्य करने का निर्देश दिया गया है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ने जारी निर्देश में कहा है कि उक्त अधिसूचना का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम- 1986 के अंतर्गत माल की जब्ती, पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली, उद्योगों/वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के संचालन को बंद करने सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी.
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
प्लास्टिक से बनी जिस वस्तू का इस्तेमाल एक ही बार किया जा सकता है कि उसे सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है. इनके उत्पादन पर खर्च बहुत कम आता है, जिसके कारण इसका बिजनेस और उपयोग भी खूब हो रहा है. हालांकि, पर्यावरण के लिए ये कितना खतरनाक है इसका अंदाजा लगभग सभी लोगों को लग चुका है. लोग इसके बावजूद इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार के इस निर्णय से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है.