न्यूज़11 भारत
रांची: देश में भले ही बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है. राज्य में आदिवासियों का उत्थान समस्या है. लेकिन झारखंड के लिए एक समस्या ऐसी है जिसे हम सभी बहुत ही हलके में लेते है. लेकिन हम ऐसा कह सकते है कि ये समस्या बहुत ही ज्यादा बड़ी है. झारखंड राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख यूं तो जनता के लिए हमेशा तत्पर रहते है. उनकी समस्या को अपनी समस्या समझकर हमेशा तत्परता से उस परेशानी के समाधान के लिए खड़े रहना उनकी आदत है परंतु उनकी एक ऐसी समस्या ऐसी है जिसपर ना तो हम कभी ध्यान देते है ना मंत्री बादल पत्रलेख खुद. वो समस्या कुछ और नहीं है, समस्या है उनकी शादी की. राज्य की जनता की हमेशा से यह चाह रही है कि कब मंत्री बदल पत्रलेख जी शादी करेंगे. उनकी शादी के इंतज़ार में कई लोग है. लोगों के मन में बस एक ही बात है कि मंत्री बादल पत्रलेख शादी कब करेंगे, कब अपना वनवास ख़त्म करेंगे. कई लोगों को तो ये भी लगता है कि खरमास ख़त्म होने के बाद मंत्री बादल पत्रलेख घोड़ी पर चढ़ेंगे. लोग मंत्री बादल पत्रलेख से अनुरोध कर रहे है कि अब तो खरमास भी ख़त्म हो गया है, मंत्री बादल पत्रलेख अपना वनवास कब ख़त्म करेंगे. बता दें कि मंत्री बादल पत्रलेख की उम्र 40 वर्ष पार हो चुकी है. परंतु अभी तक उन्होंने शादी नहीं की है. हमेशा सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करने वाले मंत्री बादल पत्रलेख को शेरवानी में देखना अब झारखंडवासियों के मन चाहत बन चुकी है. आम लोग तो आम लोग, कई नेताओं के मन की इच्छा है कि मंत्री बादल पत्रलेख की शादी हो.
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने न्यूज़11 भारत से ख़ास बातचीत में कहा कि ये हमारे लिए भी ख़ुशी की बात होगी कि हमारे भाई के सिर पर सेहरा सजे, हमारे भाई के आंगन में शहनाई बजे, हमारा भाई घोड़ी पर चढ़े, और उस घोड़ी के आगे हम सभी भाई झूम-झूमकर नाचे और गाना बजे कि आज मेरे भाई की शादी है. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक तौर पर वो दिन हमारे लिए प्रफुल्लित करने वाला दिन होगा और उस दिन की आस आज तक हमलोगों को है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी भी आस है कि कब हमारे मंत्री बादल पत्रलेख घोड़ी पर चढ़कर दुल्हन लेकर आएगा. सभी लोग इस इंतज़ार में है कि आखिर कब उस बारात में हम लोग सम्मिलित होंगे और ख़ुशी से नाचेंगे.
वैसे तो अब फैसला केवल मंत्री जी को ही लेना है, बाकी बैंड-बाजा तैयार है, घोड़ी भी तैयार है. बाराती भी तैयार है. अब राज्य के जनता को इंतज़ार है राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के तैयार होने का. अब देखना यह है कि मंत्री बादल पत्रलेख कबतक आम जनता और अपने नेता बंधुओं की बात को सुनते है और सेहरा उनके माथे पर सजती है.