न्यूज11 भारत
रांची: रांची में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बदहाली और अव्यस्था की भेंट चढ़ गया एक बुजुर्ग. यहां एक बुजुर्ग मरीज को 3 घंटे तक बेड न मिलने के चलते उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई. रिम्स अस्पताल के पीआरओ डॉ राजीव रंजन बताया कि ट्रामा सेंटर में मौजूद सभी ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर गंभीर रूप से बीमार मरीज पहले से ही भर्ती थे.
इसी कारण मरीज को ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड नहीं मिल पाया. यह कोई पहली घटना नहीं है जब रिम्स अस्पताल की बदहाली के कारण किसी मरीज की मौत हुई हो. कुछ महीने पहले ही रिम्स अस्पताल की अव्यवस्था के चलते एक नाबालिक बच्चा भी अस्पताल की बदहाली की भेंट चढ़ा था. अस्पताल में अचानक बिजली चले जाने के कारण लिफ्ट में फंसकर बच्चे की तड़प कर मौत हो गई थी.
रिम्स अस्पताल की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट ने भी कई बार अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई है. इसके बावजूद रिम्स की व्यवस्थाएं सुधारने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल, बंगाल के पुरुलिया जिले के कालीमाटी के रहने वाले बुजुर्ग रूद्र प्रताप मानकी को सांस लेने में परेशानी हुई.
जिसके बाद परिजन उनको बेहतर इलाज के लिए 130 किलोमीटर दूर राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल लेकर पहुंचे. मरीज रूद्र प्रताप के परिजनों ने रिम्स अस्पताल पहुंचने के बाद ट्रामा सेंटर एंड इमरजेंसी में रजिस्ट्रेशन कराया. रजिस्ट्रेशन के 2-3 घंटे गुजर जाने के बाद भी उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिला और न ही कोई नर्स या डॉक्टर उन्हें देखने आया. जिसके चलते उनकी एम्बुलेंस में ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई.
बेहतर इलाज के लिए 130 किमी दूर से आए, पर मिली मौत
मृतक रूद्र प्रताप मानकी के परिजन वृंदावन मानकी ने बताया कि हम ये सोच कर आए थे कि यह अस्पताल सुविधाओं से लैस है. लेकिन, यहां एक बेड तक नसीब नहीं हुआ. न ही किसी डॉक्टर और नर्स ने मरीज को देखने की जहमत उठाई.
आखिरकार अस्पताल की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई.वहीं इस पूरे मामले पर रिम्स अस्पताल के पीआरओ डॉ राजीव रंजन बताया कि ट्रामा सेंटर में मौजूद सभी ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर गंभीर रूप से बीमार मरीज पहले से ही भर्ती थे. इसी कारण मरीज को ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड नहीं मिल पाया.
उन्होंने बताया कि मरीज को बेहद गंभीर हालत में परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे. मरीज की मौत पर उन्होंने दुख व्यक्त किया.बता दें कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल है रिम्स में इलाज के लिए न सिर्फ झारखंड के अलग-अलग शहरों से लोग आते हैं बल्कि बिहार, बंगाल से भी मरीज बड़ी तादाद में मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं.