न्यूज11 भारत
रांचीः राजधानी समेत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना एक बार फिर से धीमी रफ्तार में अपना पांव पसारने लगा है. आने वाले दिनों राज्य में श्रवणी मेला और रथ यात्रा का भी आयोजन होने वाला है. इसके लिए राज्य सरकार ने कोरोना की नई गाइलाइन जारी करते हुए श्रवणी मेला और रथ यात्रा के लिए छूट दे दी है. राज्य में धीरे से बढ़ रहे कोरोना के मद्देनजर और आने वाले त्यौहारों को देखते हुए झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने की सलाह लोगों की दी है. विभाग ने जिलों को कई निर्देश भी दिए है.
स्वास्थ्य विभाग ने दिया जांच बढ़ाने का निर्देश
विभाग ने सभी जिलों को कोरोना जांच बढ़ाने का निर्देश दिया है. कहा है कि जहां पॉजिटिव ज्यादा मिल रहे हैं, वहां कांटैक्ट ट्रेसिंग कर जांच बढ़ायी जाए. बढ़ते संक्रमण तो देखते हुए दूसरे राज्यों से झारखंड आनेवाले लोगों के बीच टेस्ट बढ़ाया जा रहा है. कारण है कि फिलहाल जो भी संक्रमित मिले रहे हैं, उनमें ज्यादातर दूसरे राज्यों से आनेवाले लोग ही निकल रहे हैं. अगर इस वजह से किसी एक ही जगह पर 5 से 6 लोग कोरोना पॉजिटिव मिलते है, तो उन जगहों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने का निर्देश दिया गया है.
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24 दिनों में बढ़कर पहुंचा 177
कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार पहले ही लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर चुकी है. पिछले दिनों सरकार ने एसओपी भी जारी की थी. आपको बता दें, बीते दो जून को राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 39 थी, जो 24 दिनों में बढ़कर 177 पहुंच गई है. 24 जून को कोरोना के 5770 सैंपल की जांच हुई थी, जिसमें 30 और संक्रमित मिले. यानी 0.51 प्रतिशत, वहीं एक जून के पहले यह आंकड़ा 0.1 से भी कम था. धीमी रफ्तार में कोरोना अपना पांव पसार रहा है. इधर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सभी जगह एहतियात बरतने का निर्देश दिया है. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी कोई चिंताजनक स्थिति नहीं है. लेकिन आनेवाले त्योहारों में सावधानी बरतने की अपील जरूर कर रहा है.
स्थिति चिंताजनक नहीं, पर सावधानी जरूरी: डॉक्टर
राज्य महामारी विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कर्ण ने कहा कि झारखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर चिंताजनक स्थिति नहीं है, लेकिन दूसरे राज्यों में संक्रमित बढ़ रहे हैं. ऐसे में यहां भी सावधानी बहुत जरूरी है. जून के पहले सप्ताह में 0.1 प्रतिशत से भी कम संक्रमित राज्य में मिले थे, जो अंतिम सप्ताह में बढ़कर 0.51 प्रतिशत तक हो गया हैं. इसलिए जरूरी है कि लोग झारखंड और भारत सरकार की एसओपी का पालन करें.