प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग में हीट वेव के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जिला में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया है. इस बीच सरकार के आदेश के बावजूद जिले के कई प्रखंडों में कई प्राइवेट स्कूल खुले है. सरकारी आदेश को निजी स्कूल संचालक नही मान रहे है. स्कूली बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ पर शिक्षा विभाग अनजान है. जिले में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. इसका असर सड़कों पर भी दिख रहा है. सुबह 10 बजते ही तेज धूप के कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो जा रही है जबकि दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. लिहाजा, स्कूली बच्चों के हित को देखते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 30 अप्रैल से 8वीं तक की सभी कक्षाएं स्थगित रखने का आदेश जारी किया था. यह आदेश 29 अप्रैल को जारी हुआ था. इसका असर भी हुआ.
सभी सरकारी स्कूल की कक्षाएं बंद है. लेकिन कुछ निजी स्कूलों ने सरकार के इस आदेश को संजीदगी से नहीं लिया है. खुले रहने वाले प्रतिष्ठित स्कूलों समेत कई अन्य का नाम शामिल है. इस लापरवाही के बाबत कई अभिभावकों ने नाम नहीं बताने की सूरत में स्कूल प्रबंधन के प्रति मनमानी पर नाराजगी जताई. अभिभावकों ने बताया कि आम दिनों की तरह 30 अप्रैल, 1, 2 और 3 मई को नर्सरी से कक्षा 8 तक के बच्चों को स्कूल जाना पड़ा. जिले भर में संचालित कई निजी स्कूल सरकार के गाइडलाइन का पालन करना उचित नहीं समझते है.
कई ऐसे विद्यालय है जिसमे एक कमरे में ही बच्चो को ठूस कर बैठाते है. पर्याप्त जगह नहीं रहने पर बच्चो को अलग से गर्मी वाली परेशानी झेलनी पड़ती है. सरकार द्वारा बनाए गए मापदंड के विपरित आज भी कई निजी स्कूल संचालित है. जिससे बच्चो का मानसिक और शारीरिक विकास अधर में है. इधर सोशल मीडिया माध्यम से कई स्कूलों की तस्वीर को अभिभावकों ने साझा कर विद्यालय कक्षा जारी होने की सूचना दी है.
केरेडारी में सीओ ने कई स्कूल बंद कराया, दी चेतावनी
केरेडारी प्रखंड में संचालित निजी विद्यालय द्वारा जिला प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है. अभी कड़ाके की धूप को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अगले आदेश तक वर्ग एक से आठ तक के कक्षा को बन्द करने का निर्देश जारी किया गया है. इसके बावजूद केरेडारी प्रखंड में संचालित निजी विद्यालय जिला प्रशासन के आदेश को दरकिनार करते हुए स्कूल खोल रहे है. इसे देखते हुए केरेडारी सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल बीडीओ अमित कुमार द्वारा सभी निजी स्कूलों में पहुंचकर स्कूल खुला रखने का कारण जानना चाहा और अविलंब स्कूल बंद रखने के लिये निर्देश दिए. साथ ही प्रखंड प्रशासन द्वारा निजी स्कूल चलाने वाले निदेशकों से अपील की है जिला प्रशासन के आदेश का पालन करें अन्यथा कानूनी करवाई की जा सकती है. सीओ राम रतन कुमार वर्णवाल एवं बीडीओ अमित कुमार द्वारा किड्स जूनियर स्कूल केरेडारी और इंग्लिश स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल केरेडारी पहुंचकर स्कूल को बंद कराया गया है.
बरही के बीईईओ ने निजी स्कूलों को चेताया
इस बीच बरही के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी किशोर कुमार ने पत्र जारी कर सभी विद्यालय प्रधान को शिक्षा सचिव के इस आदेश को पालन करने का निर्देश दिया है. बीईईओ ने अपने आदेश में यह भी अंकित किया है कि विभिन्न स्रोतों से यह भी जानकारी मिली है कि कुछ निजी विद्यालय सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर विद्यालय चल रहे हैं, जो अनुचित है. उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट निर्देशित किया है कि सभी निजी विद्यालय सरकार के आदेशों का पालन कर अगले आदेश तक कक्षा 8 तक की सभी कक्षाएं बंद रखे. पकड़े जाने पर ऐसा नहीं करने वाले विद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
बड़कागांव प्रखंड के प्राइवेट स्कूल सरकार के आदेशों का कर रहे हैं उल्लंघन, तेज धूप में हर दिन बच्चे कर रहे हैं आना-जाना
बड़कागांव में निजी स्कूल संचालक झारखंड सरकार के आदेशों का खुले आम उल्लंघन कर रहे है. भीषण गर्मी लू से बचने के लिए झारखंड सरकार द्वारा सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों पठन-पाठन स्थगित कर दी गई है. इसके बावजूद भी बड़का गांव में प्राइवेट स्कूलों में नन्हे बच्चों की पढ़ाई जारी है. नन्हे-नन्हे बच्चे को स्कूल से घर तक आने जाने में तेज धूप के कारण काफी परेशानी होती है. एक अभिभावक नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया कि स्कूल आने-जाने कारण उसका बड़ा पुत्र बीमार हो गया. बड़कागांव के हरली, बादम, नापोकला,नापोखुर्द, सांढ़, सोनपुरा, सीकरी, नयाटांड आदि गांव के प्राइवेट स्कूल नर्सरी से लेकर आठवीं तक पढ़ाई हो रही है. बच्चे तेज धूप में आना-जाना कर रहे है.
पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. इसका असर सड़कों पर भी दिख रहा है. बड़कागांव में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तो कभी 41 डिग्री सेल्सियस हो जाती है. सुबह 8 बजते ही तेज धूप एहसास होने लगता है. इस कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है जबकि दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. लिहाजा, स्कूली बच्चों के हित को देखते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 30 अप्रैल से 8 वीं तक की सभी कक्षाएं स्थगित रखने का आदेश जारी किया था. यह आदेश 29 अप्रैल को जारी हुआ था. इसका असर भी हुआ. सभी सरकारी स्कूल बंद रहे. बड़कागांव में 1 मई मजदूर दिवस के दिन भी प्राइवेट स्कूल खुले रहे.
सरकार का आदेश का उल्लंघन करने वालो पर होगी कार्रवाई : बीईईओ
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जवाहर प्रसाद का कहना है कि सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों दोनों के लिए सरकार का आदेश जारी हुआ है. जो प्राइवेट स्कूल सरकार के आदेश का उल्लंघन करेंगे उस पर कार्रवाई होगी. अभिभावकों में मीनू, राजकिशोर सोनी, बिना सिंह का कहना है की स्कूल बंद होनी चाहिए. सुकेश कुमार ने कहा कि बच्चों में तापमान सहने की क्षमता कम होती है. डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों में जल्दी बुखार आ जाती है. इसलिए स्कूल बंद कर देनी चाहिए.