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रांची: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2,000 रुपए के नोट को चलन से बाहर करने की 19 मई को घोषणा कर दी हैं. हालांकि, इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे. 2000 के नोट बंद किए जाने की घोषणा के बाद आम लोगों या व्यवसायी वर्ग में कोई खास चर्चा देखने को नहीं मिली. जबकि दो हजार रू. के नोट चलन से बाहर करने के फैसले का व्यापार और उद्योग जगत समर्थन करता हैं. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का कहना हैं कि दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के लिए चार माह का पर्याप्त समय भी दिया गया है, जिससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं हैं. व्यापारी सामान्य तरीके से इसका लेन-देन करें और निर्धारित समय सीमा तक नोट को बैंकों में जमा करा दें.
आइए जानते हैं आरबीआई के निर्णय पर झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिक्रिया-
चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि दो हजार के नोट का चलन मौजूदा व्यापार में केवल 5 से 10 फीसदी ही था. चूंकि ज्यादातर कारोबार अब डिजिटल फॉर्म में चला गया हैं और यूपीआई से लेनदेन का प्रचलन बढ़ा हैं ऐसे में व्यापार जगत को इस फैसले से कोई विशेष फर्क नहीं पडेगा. हाँ, जो अभी भी कैश में लेनदेन करते हैं और डिजिटल रूप से मजबूत नहीं हैं, उनके लिए यह जरूर चुनौती हो सकती हैं. इन नोटों को बदलने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया हैं इसलिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं हैं.
चैंबर के महासचिव डॉ. अभिषेक रामाधीन ने कहा कि दो हजार के नोट चलन से बाहर करने के लिए चार महीने का समय दिया गया है. इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है. दो हजारी नोट बंद होने से संगठित कारोबार को खास फर्क नहीं पडेगा क्योंकि ये सेक्टर पहले ही डिजीटल में जा चुका है.
चैंबर के उपाध्यक्षकालेधन आदित्य मल्होत्रा पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया हैं. वैसे भी चार साल से दो हजार के नोट छप ही नहीं रहे थे. बाजार में इसका प्रचलन काफी कम था. नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया हैं. इकोनॉमी के लिए यह फैसला अच्छा है.
उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि आरबीआई का स्वागतयोग्य निर्णय हैं कारोबार जगत को इससे कोई परेशानी नहीं होगी. दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के लिए चार माह का पर्याप्त समय भी दिया गया है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है. व्यापारी सामान्य तरीके से इसका लेन-देन करें और निर्धारित समय सीमा तक नोट को बैंकों में जमा करा दें.
सह सचिव रोहित पोद्दार 30 सितंबर तक बाजार में दो हजार रू0 का नोट चलेगा, इसलिए लोगों को तनिक भी घबराने की जरूरत नहीं है. दो हजारी नोट बदलने के लिए आरबीआई द्वारा पर्याप्त समय भी दिया गया है. सरकार बडे नोट को बंद कर नगद रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ रही है जो भविष्य में पारदर्शिता व सरल व्यापार की ओर बढते कदम का संकेत देता है.
सह सचिव शैलेष अग्रवाल लगातार देखने को मिल रहा था कि कालेधन का संग्रह बड़ी करेंसी में किया जा रहा था. कालेधन पर प्रहार के लिए यह प्रशंसनीय निर्णय है. फैसले से साफ सुथरे लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी.