अजय लाल/न्यूज11 भारत
रांची: चेहरे पर से रौनक गायब थी. चेहरे से इकबाल भी गायब था. चेहरे से चमक गायब थी और गायब थी चेहरे की नूर. मुसीबत के वक्त इंसान किस कदर टूट जाता है वह आज सबकुछ पूजा सिंघल को देखने के बाद लग रहा था. वह फुर्ती गायब थी जिसके लिए पूजा सिंघल जानी जाती थी. महज दो मिनट में राज्य सचिवालय प्रोजेक्ट भवन की सीढियों को नापने वाली पूजा सिंघल के कदम आज लडखड़ा रहे थे.
यह सबकुछ आज ईडी कार्यालय में उस वक्त देखने को मिला जब पूछताछ के लिए वर्ष 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूजा सिंघल जब अपने आवास से राज्य सचिवालय के लिए जाती थीं तो कैसे वक्त निकल जाता था पता नहीं चल पाता था लेकिन आज राजभवन से ईडी तक का सफर पूजा सिंघल के लिए पहाड़ के माफिक लग रहा था.
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यह सबकुछ अनायास हुआ ऐसा नहीं कहा जा सकता. अव्वल तो पूजा सिंघल को भी यह अहसास रहा होगा कि वह जिस नाव की सवारी कर रही है वह आज ना कल डूबेगी जरूर. जिस प्रकार से उनकी गतिविधियों की चर्चा होने लगी थी उनके सहयोगी अफसर भी उन्हें समझाने की कोशिश करते थे लेकिन शायद उन्हें अपनी कश्ती के बारे में जानकारी नहीं थी कि पानी कश्ती के उपर से बहने लगा है.
बताया जा रहा है पूजा सिंघल पिछले पांच दिनों से भारी तनाव में गुजर रही हैं...आपको यह भी जानकारी होगी कि पूजा सिंघल ने पारिवारिक तनाव में आकर एक बार आत्महत्या की कोशिश की थी. उस वक्त पूजा सिंघल चतरा में डीसी के पद पर थी. तब दिवगंत आईपीएस प्रवीण सिंह ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था. परिस्थियां एक बार फिर कुछ ऐसी ही बन रही है. अच्छी बात यह कि पूजा सिंघल पहले से ज्यादा मजबूत हुई हैं.