न्यूज11 भारत
तीनों कृषि कानूनों में लगभग एक साल से ज्यादा सरकार और किसानों के बीच चली तकरार को प्रधानमंत्री मोदी ने 19 दिसंबर को अपने संबोधन के साथ ही खत्म कर दिया था. मोदी ने अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा कर दी थी. हालांकि किसान नेता का कहना था कि सरकार तीनों बिल को संवैधानिक रूप से रद्द करे, जिसपर आज यानी सोमवार को दोनों सदनों से मुहर भी लग गई.
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सरकार ने बिल पास करवा लिया. विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी के बिल पर चर्चा की बात पर अड़ी रही, मगर सरकार चर्चा को तैयार नहीं दिखी. आपको बता दें कि हंगामे के बीच दोनों सदनों से सरकार ने बिल पास करवा लिया. अब राष्ट्रपति के मंजूरी मिलते ही तीनों कानून रद्द हो जाएंगे.
हर सवाल का देंगे जवाब: PM
संसद सत्र से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी सवाल के जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में युवा पीढ़ियों के काम आए. इसके बाद उन्होनें कहा कि देश आजादी की अमृत महोत्सव मना रहा है. पिछले सत्र के बाद कोरोना की एक विकट परिस्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से अधिक डोज लगाए. अब हम 150 करोड़ की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. मैं संसद के सभी साथियों को भी सतर्क रहने के लिए प्रार्थना करता हूं.
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने ट्वीट कर सभी दलों से सहयोग करने की अपील की.