न्यूज 11 भारत
रांची: पिछले दिनों डॉक्टर पर हुए हमले को लेकर राज्य के चिकित्सक एकजुट हो गए है और एक मार्च से राज्यभर में हड़ताल का ऐलान कर दिया है. इस मामले को लेकर आईएमए और झारखंड चिकित्सा सेवा संघ ने कहा है कि अगर डॉक्टरों पर हमले और दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सरकार ने तत्काल कोई उचित कार्रवाई नही की तो डॉक्टर बेमियादी कार्य बहिष्कार जैसा निर्णय लेने को बाध्य होंगे. बता दें सोमवार को रांची के एक मशहूर ऑथोर्पेडिक सर्जन डॉ अंचल पर जानलेवा हमला हुआ है.
कुछ अज्ञात लोगों ने चिकित्सक पर हमला कर उनका सिर फोड़ दिया था. इस हमले के बाद उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है. फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है. वहीं इस घटना के बाद आईएमए की झारखंड इकाई ने आपात बैठक बुलाई जिसमें आगामी 1 मार्च को कार्य बहिष्कार आंदोलन को शत-प्रतिशत सफल बनाने का संकल्प लिया गया. इस घटना को लेकर रांची के अलावा गढ़वा, जामताड़ा, धनबाद, बोकारो, लोहरदगा और हजारीबाग की घटनाओं पर विरोध जताया गया. वहीं मीडीया सूत्रों के अनुसार स्टेट आईएमए के सेक्रेटरी प्रदीप सिंह ने कहा कि डॉक्टर एक मार्च को अस्पताल तो आयेंगे लेकिन परामर्श नही देंगे.
वहीं डाक्टरों ने कहा कि आपातकालीन परामर्श, पोस्टमार्टम और प्रसव की सुविधा बहाल रहेगी. इस घटना पर रोष जताते हुए डॉ सिंह ने कहा कि राज्य में डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं. केवल एक ही नहीं कई मामलो को लेकर राज्य के चिकित्सक गोलबंद हुए है. चिकित्सको का मानना है कि गढ़वा सदर अस्पताल और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है.
एक मामले को बताते हुए चिकित्सक ने कहा हजारीबाग में डीडीसी ने मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभागाध्यक्ष को अपने कक्ष में बुलाकर लंबे समय तक खड़ा रखा और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया. एक मामले में जामताड़ा में स्थानीय विधायक ने सिविल सर्जन के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया. बोकारो के पेटरवार में डॉक्टर अजय चौधरी के साथ मारपीट की गई और लोहरदगा में सिविल सर्जन को एक स्थानीय प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक ने हाथ काट लेने की धमकी दी.
चिकित्सकों के सामने एक बड़ा सवाल ये है कि असुरक्षा के ऐसे माहौल में डॉक्टर कैसे काम कर पाएंगे? अपनी सुरक्षा और सम्मान को लकर आईएमए ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने और बायोमैट्रिक अटेंडेंस से डॉक्टरों को मुक्त रखने की मांग की.
वहीं झासा (झारखंड हेल्थ सर्विस एसो.) के अध्यक्ष डॉ पीपी साह ने कहा कि डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार घट रही हैं. इसके विरोध में यह सांकेतिक आंदोलन है जिसको व्यापक स्तर तक ले जाया जायेगा. आइएमए रांची के अध्यक्ष डॉ शंभु प्रसाद ने बताया कि डॉक्टरों के साथ प्रताड़ना के मामले बढ़ते जा रहे हैं.