न्यूज़11 भारत,
सिमडेगा/डेस्क: ईदगाह में अपने संदेश में मौलाना साकिब ने कहा कि तीस रोजे के बाद अल्लाह ने ईद के रूप में तोहफा दिया है. जिसे खुशी व उल्लास के साथ मनाये.
उन्होंने कहा कि अपने मामलात को दुरुस्त रखें तथा हराम व हलाल का ख्याल रखें तभी रोजा व नमाज अल्लाह के पास कुबूल होगा. उन्होंने कहा कि किसी को तकलीफ ना पहुंचायें. अपने अंदर इंसानियत पैदा करें. दूसरों को फायदा पहुंचाने का काम करें. मौलाना ने कहा कि सभी मजहब के लिए मुफीद बने. किसी को नुकसान नहीं पहुंचायें. उन्होंने यह भी कहा कि मुल्क से मुहब्बत करने वाला बनें. काफी संख्या में उलेमाओं ने मुल्क के लिए कुर्बानियां दी हैं.
अपने घर के तरह मुल्क की भी हिफाजत करें. उन्होंने कहा कि जिस तरह माहे रमजान को इबादत में गुजारा उसी तरह हर दिन अल्लाह के हुक्म को पूरा करें तथा रसूल के तरीके पर जिंदगी गुजारने का प्रयास करें. दिन को कायम करें. दीन के रास्ते पर चल कर ही कामयाबी मिलेगी. इधर रजा मस्जिद में भी सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा की गयी. यहां पर हाफिज मो गुफरान रजा ने ईद की नमाज अदा कराई तथा खुतबा पढ़ा. मौके पर अपने संदेश में मौलाना रौशनुल कादरी ने कहा कि तीस रोजों के लिए अल्लाह का तोहफा है ईद का त्योहार. कहा कि ईद के दिन प्रेम व भाइचारगी को संदेश दें. आज के दिन दुश्मनों को भी गले लगा कर मुहब्बत का पैगाम पेश करें.