सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के प्रतिनिधि ने मंत्री हफीजुल हसन से की मांग, मंत्री ने दिया आश्वासन
रांची: अंजुमन इस्लामिया रांची का चुनाव अब ऑडिट के बाद होगा. चुनाव भी वक्फ बोर्ड की निगरानी में किया जाएगा. यह आश्वासन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने शुक्रवार को सेंट्रल मुहर्रम कमेटी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडल को अपने आवास पर मुलाकात के दौरान दी. प्रतिनिधिमंडल ने अंजुमन के बॉयलॉज का उल्लंघन कर फर्जी वोटरों को शामिल कर हो रहे चुनाव को रोकने के लिए मंत्री द्वारा दिए गए आदेश पर आभार जताया. सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकीलुर्रहमान ने मंत्री को बताया कि बॉयलॉज के अनुसार तत्कालीन प्रबंधन समिति को अपना कार्याकाल समाप्त के चार माह पूर्व एक दीनदार व्यक्ति को चुनाव कंवेनर न्युक्ति करना चाहिए था. मगर कार्याकाल समाप्त होने के बाद अंजुमन के मातहत कार्य करने वाले को कंवेनर और सहायक कंवेनर बना दिया गया. प्रतिनिधिमंडल में शामिल अब्दुल खालिक, मुसतक़ीम आलम, इरफान उजैर, इमरान अंसारी,अब्दुल मन्नान और मो. वाहिद शामिल थे.
पहले पोस्टर जारी कर मांगा आवेदन, फिर काट दिया नाम
चुनाव कमेटी ने पहले गलत तरीके से पोस्टर जारी कर 20 किमी क्षेत्रों पंचायतों, मस्जिद-मदरसों और समाजिक संस्थानों से आवेदन मांगा. 20 रूपए का शुल्क लेकर उसे जमा भी किया. फिर उसमें से नब्बे प्रतिशत आवेदनों को बॉयलॉज का हवाला देकर छांट दिया गया. प्रतिनिधिमंडल की ओर से यह जानकारी भी मंत्री को दी गई कि वोटर लिस्ट बनाने में पूरी तरह से पक्षपात किया गया. करीबी और रिश्तेदारों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया गया. राज्यस्तरीय धार्मिक और समाजिक संगठन से 2, जिला स्तरीय संगठन से 1 सदस्य बनाना है. मगर कहीं 05 तो कहीं 03 लोगों का वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया गया.
कंप्यूटर से बने फर्जी पंचायत-कमेटियों को किया शामिल
मंत्री हफीजुल अंसारी को प्रतिनिधिमंडल में शामिल समाजसेवी हाजी हलीम ने बताया कि वक्फ बोर्ड की निगरानी में वर्ष 2013 में हुए अंजुमन इस्लामिया चुनाव में 738 वोटर थे. वर्ष 2018 में हुए चुनाव में 937 मतदाता थे. मगर वर्तमान में जारी वोटर लिस्ट में 2000 से अधिक वोटर हैं. सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या पंचायत, एदारे और संस्थाएं कैसे बन गए. जबकि, दो साल से कोरोना महामारी के कारण कई संस्थाएं कार्य नहीं कर पा रही हैं. ऐसे में साफ है कि कम्प्यूटर से बनाए गए फर्जी पंचायत, कमेटी और संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है. यह बॉयलॉज का पूरी तरह से उल्लंघन है.
महालेखाकार से हो ऑडिट
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मांग की है कि वर्ष 2010 से अब तक का ऑडिट महालेखाकार से कराने के साथ वक्फ बोर्ड के द्वारा निगरा कमेटी बनाई जाए. इस पर मंत्री हफीजुल हसन ने कहा रांची डीसी को स्पष्ट निर्देश दिया गया की चुनावी प्रक्रिया सहित वोटर लिस्ट की जांच करें. गलत पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. रिपोर्ट आने के बाद ऑडिट और निगरा कमेटी का गठन किया जाएगा.