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रांची/डेस्कः रांची का डॉन और सबसे बड़ा सक्रिय भू-माफिया विक्की जायसवाल के कारनामों की लिस्ट काफी लंबी है वह छंटा हुआ बदमाश और पुराना हिस्ट्री शीटर है उसके नाम से थाना से लेकर अंचल कार्यालय तक तूती बोलती है. अब जब उसके सारे कारनामों के पन्ने खुलने लगी है और शिकायतों की फाइलें मोटी होने लगी है तो जिला प्रशासन और पुलिस उसकी जिला बदर करने की तैयारी में जुट गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिला प्रशासन और पुलिस ने विक्की जायसवाल को पिछले साल भी जिला बदर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था मगर इसा प्रस्ताव जाते ही अपने भू-माफिया विक्की जायसवाल ने अपने आकाओ की शरण ले ली. जिसके कारण उसकी जिला बदर की कार्रवाई रुक गई. जिला बदर की कार्रवाई के रुकने के कुछ दिनों तक वह शांत रहा लेकिन उसके बाद उसने अपना पुराना रंग फिर से दिखाना शुरू कर दिया.
रांची के कांके में बाउंड्री तोड़कर जमीनों को हथियाने और उसका गलत दस्तावेजों के माध्यम कब्जा करने साथ ही लोगों द्वारा जमीनों को औने-पौने दाम में बेचने के लिए वह दबाव बनाता है इसके लिए कई तरह के हथकंडे अजमाने भी उसने शुरू कर दिए है. विक्की जायसवाल ने महिला का बाउंसर गैंग बनाया है और इन्हीं महिलाओं के सहारे वह जमीनों को अपने कब्जे में करने का काम करता है. लोगों के मुताबिक, रांची के सफेदपोश और कुछ बड़े व्यवसायियों का संरक्षण विक्की को मिला हुआ है जिसके दम पर वह सभी लोगों को मैनेज करते हुए चलता है. इन सबमें सबसे पहला नाम विक्रम जैन का नाम सामने आता है जानकारी के अनुसार, विक्रम जैन और विक्की के बीच करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है. खबर है कि विक्की जायसवाल ने जैन को कम समय में मोटी कमाई करने का लालच दे रखा है. जिसके उपरांत विक्की जायसवाल के कहने पर विक्रम जैन ने जमीन के गोरखधंधे में निवेश किया. कहा जा रहा है कि भू-माफिया विक्की जायसवाल ने अबतक जितने भी जमीनों की खरीद-परोख्त की है अगर उन सभी की बरीकी से जांच पड़ताल की जाए तो एक बड़े सिंडिकेट का उद्भेदन हो सकता है. क्योंकि इसमें अंचल के छोटे से लेकर बड़े पदाधिकारी शामिल है.