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रांचीः राजधानी के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में ICFAI विश्वविद्यालय का तीसरी दीक्षांत समारोह का आयोजन का किया गया. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल रमेश बैस ने की साथ ही वे बतौर मुख्य अतिथि के रुप में समारोह में शामिल हुए.
आपको बता दें, ICFAI विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में 2022 में स्नातक करने वाले 139 छात्रों को डिग्री दी गई जिसमें 7 पीएचडी भी शामिल है. इसके अलावा 9 गोल्ड मेडल औऱ 9 सिल्वर मेडल विभिन्न कार्यक्रमों के क्रमशः शीर्ष रैंक और दूसरे रैंकर्स को प्रदान किए गए. समारोह में अतिथि सम्मान के रूप में रांची के जस्टिस रोंगन मुखोपाध्याय, सिटिंग जज, झारखंड हाईकोर्ट और प्रभारी न्यायाधीश, नेशनल यूनिवर्सिटी फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च इन लॉ मौजूद रहे.
राज्यपाल ने छात्रा संगीता कच्छप को दी बधाई
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधिन में राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड के अधिवासित छात्रों को शुल्क में रियायत देने के लिए विश्वविद्यालय की पहल की सराहना की, ताकि वे स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें और यह भी कि 77 प्रतिशत छात्र इससे लाभांवित हुए. राज्यपाल रमेश बैस ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स, यूके में अध्ययन करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ऑवरसीज स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय की छात्रा संगीता कच्छप को भी बधाई दी. उन्होंने विश्वविद्यालय को अच्छा काम जारी रखने और झारखंड के सभी निजी विश्वविद्यालयों के लिए एक रोल मॉडल बनने की सलाह दी.
कुलपति प्रो राव ने गिनाए विश्वविद्यालय की उपलब्धियां
दीक्षांत समारोह में दर्शकों का स्वागत करते हुए, ICFAI University Jharkhand के कुलपति प्रो ओआरएस राव ने कहा, “कोविड_19 महामारी के बावजूद, हमारे विश्वविद्यालय ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी स्नातक छात्रों को हमारे डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, स्वाध्याय का उपयोग करके बिना किसी रुकावट के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो. हमें खुशी है कि 100% योग्य स्नातक छात्रों का प्लेसमेंट हो गया. प्रो राव ने कहा कि हमें खुशी है कि हमारे पूर्व छात्रों ने भारत और विदेशों में, यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी अपनी पहचान बनाई है. उनमें से कई प्रतिष्ठित संगठनों जैसे एक्सेंचर, एशियन पेंट्स, अमेजॉन, गूगल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईबीएम, आईटीसी, टीसीएस, विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आदि में काम कर रहे हैं. कुछ पूर्व छात्र आईआईटी, आईआईएम, जैसे प्रमुख संस्थानों में उच्च अध्ययन के लिए गए हैं. एनआईटी, आईबीएस, केंद्रीय विश्वविद्यालय आदि.” प्रो राव ने कहा कि “हमारे पूर्व छात्रों में से लगभग 11% उद्यमी बन गए और “नौकरी चाहने वालों” के बजाय “नौकरी देने वाले” बन गए और झारखंड के विभिन्न जिलों में स्कूली शिक्षा, कृषि-व्यवसाय (जैसे मशरूम की खेती), इवेंट मैनेजमेंट, होटल, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में अपना व्यवसाय स्थापित किया है.
कार्यक्रम में स्नातकके छात्रों को संबोधित करते हुए, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ टी आर के राव ने उन्हें उद्योग में कुछ समय के लिए काम करने के बाद भी सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और उद्यमी बनने की इच्छा रखने की सलाह दी. उन्होंने समाज को वापस देने के लिए छात्रों को भी प्रेरित किया. न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय ने अपने स्वयं के अनुभव को बताते हुए छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें सलाह दी कि धैर्य, दृढ़ता और जुनून सफलता की कुंजी है.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अरविंद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया.