कंप्यूटर ट्रेनिंग योजना घोटाला: बिहार सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का दिया आदेश
न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड में भी आए दिन घोटाले की खबर सामने आती है. कार्रवाई भी होती है. मगर घोटाले में शामिल आईएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा घोटाले के मामलों में आईएस अफसरों के नाम आ चुके है, मगर झारखंड में आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार कार्रवाई का आदेश कम ही देती है. बिहार सरकार ने 5.55 करोड़ के घोटाले में आरोपी 3 IAS अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार ने कहा है. 3 IAS अफसरों में केपी रमैया, एसएम राजू और रामाशीष पासवान शामिल हैं. इन तीनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ एक साथ मुकदमा चलेगा. तीनों कंप्यूटर ट्रेनिंग योजना में 5.55 करोड़ रुपये के हुए घोटाले के आरोपित हैं.
कंप्यूटर ट्रेनिंग योजना में हुए घोटाले से संबंधित मामले में 23 अक्टूबर 2017 को मामला दर्ज किया गया था. इसमें 3 IAS समेत आधा दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया था. मामले की जांच निगरानी कर रही है. इस मामले में कई लोगों जेल जा चुके हैं जबकि कुछ जमानत पर हैं. बिहार सरकार से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद कोर्ट में इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जायेगी. ऐसा पहली बार है कि किसी घोटाले में शामिल तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ एक साथ मुकदमा चलेगा.
जानें क्या है पूरा मामला, कागज पर परीक्षा दिखाकर कर लिया घोटाला
साल 2017 में महादलित छात्रों के लिए मुफ्त कंप्यूटर ट्रेनिंग योजना की शुरूआत हुई थी. ट्रेनिंग के बाद सफल छात्रों को यहां से मिले सर्टिफिकेट के आधार पर बेल्ट्रॉन समेत अन्य जगहों पर नौकरी देने की व्यवस्था थी. श्रीराम न्यू हॉरीजन संस्थान को ट्रेनिंग देने और ट्रिपल आइ संस्थान को परीक्षा लेने का ठेका दिया गया था. महादलित छात्रों का कंप्यूटर प्रशिक्षण तो हुआ था, लेकिन परीक्षा नहीं ली गयी थी. गलत तरीके से कागजी परीक्षा लेकर पूरी राशि गबन कर ली गई थी. ट्रेनिंग देने वाली कंपनी ने छात्रों को ट्रेनिंग तो दी, लेकिन एक छात्र का नाम दो-तीन जगहों पर देकर अतिरिक्त राशि निकाल ली. वेरीफिकेशन के दौरान जानकारी मिली कि जिस छात्र के नाम पर सर्टिफिकेट जारी किया गया था, उसने किसी तरह की परीक्षा नहीं दी है. उस समय केपी रमैया और एसएम राजू महादलित मिशन के एमडी और रामाशीष पासवान निदेशक थे.