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रांची : सरना धर्म से धर्मांतरण करके ईसाई बने 3 परिवार ने आज फिर घर वापसी कर ली है. इन तीन परिवारों ने पुन: सरना धर्म में को अपनाया है. आज झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा की ओर से सरहुल पूजा स्थल के समीप में आयोजित एक कार्यक्रम में 3 ईसाई परिवार के 14 सदस्यों की विधिवत समाज की मौजूदगी में पैर धोकर और अंग वस्त्र देकर गाजे बाजे के साथ घर वापसी करायी गयी. घर वापसी होने वाले सदस्यों को कंचन पहान, विश्वकर्मा पाहन, बालेश्वर पहान, डहरु पाहन, परनो होरो, सुमानी पहनाइन व फुलमती उराव के द्वारा शुद्धीकरण किया गया. इस दौरान सरना धर्म के विधि-विधान के अनुसार सफेद मुर्गा, तांबा, हल्दी कटवाया गया. संकल्प दिला कर पूजा-अर्चना कराया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति की अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि किसी कारणवश वे जाने अनजाने में अपना मूल धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म में चले गए थे. लेकिन अपनी गलती का एहसास करते हुए उन्होंने फिर से अपने आदिवासी मूल धर्म सरना में वापसी कर ली है. इनका सरना धर्म में वापसी स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि संविधान में हर किसी को अपने स्वेच्छा से किसी भी धर्म को स्वीकार करने और मानने की अनुमति है, लेकिन किसी के धर्म को गलत बताकर, ईमान धर्म का सौदा करना एक धर्म से दूसरे धर्म मे धर्मांतरण कराना पाप के बराबर है.
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कार्यक्रम में सोमा उरांव, वार्ड पार्षद रोशनी खलखो,नकुल तिर्की, नामित हेमरोम, डॉक्टर बुटन महली, प्रेम नाथ शाहदेव, कुणाल शाहदेव सहित कई उपस्थित थे.
इन सदस्यों की हुई घर वापसी
सुनील उरांव, मुनीदेवी, अमन उरांव, अनुष्का कुमारी, श्रीकांत उरांव, शीतल कुमारी,मंजु उरांव, गोपाल लोहरा, कलावती देवी, श्रवण लोहरा, जोसेफ लोहरा,रिंकी देवी, आयुष लोहरा और आशा कुमारी सहित कुल 3 ईसाई परिवार के 14 सदस्यों की घर वापसी हुई.