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रांची: अब इडी के हत्थे चढ़ा है मिड डे मील घोटाले का मामला. जी हां, 100 करोड़ रुपये के इस घोटाले का खुलासा करते हुए इडी ने मंगलवार देर रात अरगोड़ा थाना में केस दर्ज कराई है. इस मामले में आरोपी संजय तिवारी के खिलाफ अरगोड़ा थाना में केस संख्या 22/2023, आईपीसी की धारा 467, 471, 482, तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें ईडी ने सोमवार को ही रांची पुलिस को पत्र लिखा था तथा आरोपी संजय तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की थी. जिसके बाद मंगलवार देर रात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
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जालसाजी ओर फर्जी दस्तावेजों से करता था गड़बड़ी
इडी ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी संजय तिवारी ने मिड डे मील घोटाले से पहले भी कई घोटालों व कांडों को अंजाम दिया है. उसने अपने नाम से कई फर्जी दस्तावेज बनवा रखें थे. उसने एनएचआई का फर्जी आइईडी कार्ड भी बनवा रखा था. लग्जरी गाड़ियों के शौकीन संजय के पास पांच एसयूवी गाड़ियां हैं. बड़ी इात तो ये है कि सब गाड़ियों में फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर हैं. वो अपने फर्जी दस्तावेजों को जरिए लोगों को ठग लेता था. ईडी की जांच से पता चला है कि एनएचआई का फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर भी उसने कई जालसाजियों को अंजाम दिया है.
छह साल पहले हुई थी करोड़ो की हेराफेरी
दरअसल, ईडी की जांच में पता चला कि रांची स्थित हटिया के एसबीआई शाखा से झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते से भानु कंस्ट्रक्शन को 101.01 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इस बात का खुलासा तब हुआ जब 19 सितंबर 2017 को राज्य निकाय ने बैकों को निर्देश दिया कि जिलों में मध्याह्न भोजन की राशि जारी की जाए. जांच में ये बात भी सामने आयी कि 16 अगस्त 2017 को भी भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय तिवारी ने अपनी कंपनी में काम करने वाले राजू वर्मा के खाते में 8 करोड़ 27 लाख रुपये हस्तांतरित किए. राजू वर्मा ने इन पैसों को अलग-अलग बैंक खातों में डाला. कुछ पैसों की नकद निकासी की और गाड़ियां खरीदी. यही नहीं, संजय तिवारी की पत्नी और राजू वर्मा कई कंपनियों में पार्टनर्स भी थे. अब इडी ने संजय तिवारी के खिलाफ सबूत इक्कठा कर रांची पुलिस को अनुसंशा की थी कि संजय के खिलाफ केस दर्ज किया जाए जिसके बाद मंगलवार रात पुलिस ने केस दर्ज किया.