स्कीम के विरोध में युवाओं के बाद अब बीजेपी के अलावे सहयोगी दल और विपक्ष नेता भी उठाने लगे सवाल
न्यूज11 भारत
रांचीः केंद्र सरकार द्वारा 'अग्निपथ योजना' की घोषणा के बाद देशभर में युवाओं का विरोध बढ़ गया है. सरकार के इस नए स्कीम का युवा वर्ग के छात्र सड़कों पर उतरकर जमकर उत्पात मचा रहे है. गुरुवार को बिहार के अलावे मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और झारखंड के युवाओं ने सड़क पर उतरकर इसका विरोध किया, इस दौरान युवाओं ने जमकर उत्पात मचाया. पत्थरबाजी की, बिहार के छपरा और कैमूल में उग्र युवाओं ने जमकर तोड़फोड़ और ट्रेन की कुछ डिब्बों में आग लगा दी. युवाओं का ये उत्पात आज भी थमने का नाम नहीं ले रहा है, देश के कई हिस्सों में युवाएं आज भी इस योजना के विरोध पर जमकर प्रदर्शन कर रहे है. आज भी जमकर आगजनी कर इलाकों में उत्पात मचा रहे है. बिहार के लखीसराय में रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया, राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के कई बोगियों में आग भी लगा दी, जिससे स्टेशन और ट्रेन धू-धू कर जलती हुई दिखाई दी. अब इसका असर झारखंड में भी दिखने लगा है जमशेदपुर में प्रधानमंत्री का पुतला दहन और रेलवे ट्रैक पर जाम कर इस स्कीम का विरोध किया जा रहा है.
बीजेपी नेता भी उठा रहे सवाल
देशभर में उग्र युवाओं की ओर से केंद्र सरकार द्वारा जारी 'अग्निपथ योजना' का विरोध हो रहा है. लेकिन अब इस 'अग्निपथ स्कीम' के खिलाफ युवाओं के बाद बीजेपी के खुद के नेता और विपक्ष दल के नेता भी अपनी आवाज उंची कर रहे है. बीजेपी के वरुण गांधी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, विपक्ष नेता राहुल गांधी और ओवैसी ने सरकार से इस योजना को लेकर सवाल खड़ें किए है.
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स्कीम की घोषणा के बाद ही शुरू हुआ बवाल
बता दें, इस 'अग्निपथ स्कीम' की घोषणा केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को की थी रक्षामंत्री ने कहा था कि इस योजना के तहत अगले तीन महीने में युवाओं की भर्ती शुरू हो जाएगी, वहीं भर्ती होने के बाद अग्निवीरों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी. उसके बाद उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा देने का अवसर मिलेगा.
नीतिगत तथ्यों को सामने रखकर अपना पक्ष करें साफ- वरुण
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि 'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे.
'क्यों पड़ी मौलिक अधिकारों में बदलाव की आवश्यता'
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 'अग्निपथ योजना' पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया. सेना में कप्तान रहे अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह लंबे समय से मौजूद रेजिमेंट के विशिष्ट लोकाचार को कमजोर करेगा. साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि सरकार को भर्ती नीति में इस तरह के मौलिक बदलाव करने की आवश्यकता क्यों पड़ी, जबकि इतने सालों से देश के लिए बेहतर तरीके से काम कर रही है.
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युवाओं के भविष्य के साथ नहीं कर सकते खिलवाड़
'अग्निपथ स्कीम' को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा- न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई direct भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान. देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए, इन्हें 'अग्निपथ' योजना का पूरे देश में व्यापक विरोध हो रहा है. हम अपने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते और न ही हम अपने सशस्त्र बलों की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता को जोखिम में डाल सकते हैं.
बीजेपी गठबंधन सरकार के नेताओ की आवाज भी उठी
वहीं बिहार में बीजेपी गठबंधन सरकार से ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने केंद्र सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस योजना को लेकर विचार करना चाहिए. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा कि केंद्र को छात्रों से बात करनी चाहिए, ताकि मामले को शांत किया जा सके.