न्यूज11 भारत
रांची: 'चिपको आन्दोलन' एक पर्यावरण रक्षा का आन्दोलन था. भारत के उत्तराखण्ड राज्य में किसानो ने वनों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था. राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई को रोकने के लिए यह आन्दोलन कई साल पहले किया जा रहा था. जिसमें स्त्रियों ने भारी संख्या में भाग लिया था.
ऐसा ही मामला झारखंड में वनों की कटाई की योजना के खिलाफ रामगढ़ के बूढ़ा खाप वनक्षेत्र महिलाएं गोलबंद हो गई हैं. महिलाएं चिपको आंदोलन के जैसा ही पेड़ों से लिपटकर वन काटने की योजना का विरोध कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि यहां एक निजी कंपनी के विस्तार के लिए पेड़ काटने का काम शुरू हुआ है.
ग्रामीणों ने बताया कि पेड़ों को काटने की योजना के बारे में पता चलते ही मंगलवार को बूढ़ा खाप वनक्षेत्र के आसपास की दर्जनों ग्रामीण महिलाएं पेड़ों से लिपटते हुए इसका विरोध करने लगीं. मौके पर कुजू ओपी प्रभारी विनय कुमार समेत अन्य पुलिस बल के जवान महिलाओं को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन महिलाएं कोई भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थीं. एक दिन पहले ही 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली गई थी. और सिर्फ 24 घंटों के बाद ही वनक्षेत्र के पेड़ों को काटने की तैयारी की जाने लगी.
ये भी पढ़ें- Jharkhand Weather Update: झारखंड में जारी रहेगी भीषण गर्मी, कई जगहों पर लू का अलर्ट
वहीं, निजी कंपनी के प्रबंधन का कहना कि प्लांट के विस्तारीकरण को लेकर वन विभाग से जमीन खरीदने और वनभूमि पर लगे पेड़ को हटाने का कार्य प्रारंभ किया गया है. इस प्रक्रिया से फिलहाल कंपनी का कुछ भी लेना-देना नहीं है. बता दें कि इलाके की ग्रामीण महिलाएं प्लांट से होने वाले प्रदूषण को लेकर पहले से ही आंदोलन कर रही हैं. अब यहां वनक्षेत्र के पेड़ों को काटे जाने को लेकर चिन्हित करने का काम शुरू किए जाने से ग्रामीण भड़क उठे हैं.