भारत में कोरोना वायरस की वजह से लगभग 2 महीनों तक लॉकडाउन रहा, और अब अनलॉक वन की वजह से जीवन की गाड़ी धीरे धीरे पटरी पर लौट रही है...
लेकिन इस सबके बीच एक अच्छी ख़बर ये आई है कि लॉकडाउन की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली समेत तमाम दूसरे शहरों में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी आई है.
आंकड़े क्या कहते हैं?
आँकड़ों की बात करें तो दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पर साल 2018 और 2019 के दौरान 5 अप्रैल को पीएम 2.5 का स्तर तीन सौ से ऊपर था.
लेकिन इस साल लॉकडाउन की वजह से ये स्तर गिरकर 101 पर आ गया है.
लॉकडाउन के दौरान कितना कम हुआ प्रदूषण?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन करने का ऐलान किया था. लेकिन कुछ दिनों पहले से ही स्कूल और दफ़्तरों को बंद किए जाने का सिलसिला शुरू हो चुका था.
दिल्ली के आनंद विहार में 19 फरवरी को पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 404 आंका गया था जो बेहद ख़तरनाक माना जाता है. इस स्तर पर स्वस्थ लोगों को काफ़ी नुकसान होता है और बीमार लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ते हैं.
लेकिन इसके एक महीने बाद जब स्कूल और दफ़्तर बंद होना शुरू हो गए थे तब ये आँकड़ा 374 रह गया.
इसके दस दिन बाद लॉकडाउन जारी था तब ये आँकड़ा मात्र 210 रह गया. 5 अप्रैल को ये आँकड़ा मात्र 133 रह गया है.
और पूरे दिन का औसत मात्र 101 रहा.
यही नहीं, लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर दिल्ली से होकर गुज़रने वाली यमुना नदी की तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
घर पर रहकर ऐसे मनाएं विश्व पर्यावरण दिवस
इस पर्यावरण दिवस पर आप अपने घर में पौधे या आसपास पेड़ लगाएं. इससे आपके घर को पेड़ की छाया और ताज़ी हवा मिलेगी. ज्यादा पौधे लगाने से पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा सही बनी रहती है. साथ ही ज्यादा पेड़ पौधे से जीव जन्तु भी स्वस्थ रहते हैं और पर्यावरण को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी.
इस बार अपने घर के सामान को री-साइकिल करने की जरूर ठानें. अपने परिवार के सभी लोगों को इसका हिस्सा बनाएं और सोचे कि घर के बचे हुए ज़्यादा से ज़्यादा सामान को कैसे री-साइकिल किया जा सकता है.
पॉलीथीन का इस्तेमाल न करें. सिंगल यूज प्लास्टिक पॉल्यूशन फैला रहा है. यह नालियों को बंद कर रहा है जिससे भूमिगत जल को नुकसान पहुंच रहा है. सब्जी व सामान के लिए कपड़े की थैलियां रखें.
अगर आपको इधर उधर थूकने की आदत है तो उसे आज ही सुधारें. कोरोना को फैलने से रोकने के लिए भी यह बहुत जरूरी है.
नई पीढ़ी को प्रकृति, पर्यावरण, पानी व पेड़-पौधों की अहमियत समझाएं.
बिजली के बिल में कटौती करने वाले उपाय के बारे में जरूर सोचें.
पुराने बल्ब पर जमी धूल पोंछने पर कमरे में दो के बजाय एक ही बल्ब से काम चल जाएगा.
गर्म पानी से नहाने की आदत बदलें और स्वस्थ रहें.
किसी भी पुरानी चीज को फेंकने के बजाय उसका दूसरा इस्तेमाल करने की सोचें.