झारखंड » हजारीबागPosted at: अप्रैल 28, 2024 हजारीबाग में बोलीं महिलाएं- ट्रैफिक जाम समेत कई समस्याओं का सामना कर रहा हजारीबाग
एयरपोर्ट और ट्रेनों के बिना विकास बाधित, समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाले सांसद बने
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:-प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में योजनाएं तो बहुत बनती हैं, लेकिन यह धरातल पर नहीं उतरतीं. हजारीबाग जिले में तेजी से बढ़ती आबादी और उतनी ही तेजी से बढ़ती हुई वाहनों की संख्या ने यहां ट्रैफिक जाम को विकराल रूप दे दिया है. वाहन रेंगते रहते हैं. शहर में ट्रैफिक नियम का पालन होता कहीं नहीं दिखता है. इसके अलावा भी हजारीबाग कई समस्याओं से घिरा हुआ है, जो भी सांसद बनकर आए, यह इन समस्याओं से जनता को छुटकारा दिलाए. हजारीबाग की आधी आबादी ने अपनी समस्याओं को मुखर होकर मीडिया के माध्यम से हजारीबाग के भावी सांसद के पास रखा. हजारीबाग की महिलाओं ने कहा कि यह हजारीबाग का दुर्भाग्य है कि अभी तक हम बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है. सभी ने उम्मीद जताई कि हजारीबाग से चुनकर आने वाले नए सांसद इन समस्याओं को दूर करने पर काम करेंगे. महिलाओं ने कहा कि अगर आप अच्छे सांसद चाहते हैं तो पहले आपको वोट करने के लिए निकलना होगा. हम गर्मी तो कभी छुट्टी का बहाना बनाकर वोट करने नहीं जाते हैं. जब तक सभी लोग बोट नहीं करेंगे, अच्छे सांसद चुनकर नहीं आएंगे. सबसे पहले हमें बोट करना होगा, तभी हजारीबाग में बदलाव हो सकता है. मतदान से ही हम सभी जिला की तस्वीर बदल सकते है.अन्नदा चौक की मेनका चौरसिया कहती है महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति हजारीबाग में अच्छी नहीं है. आज भी रात में महिलाएं अकेले निकलने से डरती हैं. कानून व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. शहर में चेन स्नेचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. शहर में ट्रैफिक की समस्या बहुत अधिक है. प्रत्येक साल लाखों नई गाड़ियां सड़कों पर उतरती हैं पर सड़क की चौड़ाई नहीं बढ़ती है. काकोली सरकार, शिक्षिका का कहना है की हजारीबाग के लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो नहीं करते है. नतीजा ही रहा है कि हर दिन अखबारों में सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलती है. छोटे और नाबालिग बच्चे गाड़ी चलाते हैं लेकिन यह देखने वाला कोई नहीं है. समाजसेवी कृष्णा का कहना है की हजारीबाग की सबसे बड़ी समस्या सरकारी विभागों में आपसी तालमेल की कमी है. शहर में एक बार सड़क बनती है. दूसरी बार उसे तोड़कर पाइप लाइन बिछाई जाती है. फिर कुछ महीनों बाद उसे तोड़कर नीचे अंडरग्राउंड केबलिंग की जाती है. बार-बार सड़क तोड़ने से यह बर्बाद हो जाती है. अगर तीनों विभाग आपस में मिलकर काम करें तो सड़क भी बचेगी और लोग भी परेशान नहीं होंगे. किरण सिन्हा कहती है इस गर्मी आते ही शहर में बिजली संकट बढ़ जाता है. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. हजारीबाग में स्वास्थ्य सुविधाएं भी अच्छी नहीं है. जो भी सरकारी अस्पताल है. वहां लोग गंदगी की वजह से जाना नहीं चाहते हैं. अगर किसी गंभीर मरीज को बाहर ले जाना चाहें तो उसके लिए एयरपोर्ट की सुविधा नहीं है. हजारीबाग में ट्रेनों का अभाव है.स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की बहुत जरूरत है. इनका कहना है की महिला सुरक्षा पर ध्यान देने वाला होना चाहिए हजारीबाग का नया सांसद. सुधा मिश्रा का कहना है की हजारीबाग में सबसे बड़ी समस्या ट्रेन की है. पूरी आबादी सड़क परिवहन पर निर्भर है. नया संसद हजारीबाग से लंबी दूरी की ट्रेनों की सिफारिश करे. आज जी भी नेता चुनाव में जो वादे कर रहे हैं. उनपर यह कितना खरे उतरते हैं, इसे लेकर उनसे सवाल पूछना चाहिए. संवादहीनता की वजह से कई काम नहीं हो पाते हैं. लोगों को मुखर होकर अपनी बातों की जनप्रतिनिधियों तक रखना होगा, तभी काम हो पाएगा. लोकसभा चुनाव में मुद्दा उठाया जाता है पर नियमों का पालन नहीं किया जाता. शहर में यातायात नियम का पालन होता कहीं नहीं दिखता है, लोगों को होती है परेशानी. विभा कुमारी का कहना है की हमारी सबसे बड़ी जिम्मेवारी वोट देने की है. अच्छे जनप्रतिनिधि तभी चुनकर आएंगे, जब हम वोट देने के लिए निकलेंगे. आज भी हजारीबाग के लोग पानी-बिजली सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. हजारीबाग में ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार की जरूरत है. साथ ही एजुकेशन सिस्टम को ठीक करने के लिए नए सांसद को प्रयास करना चाहिए. अच्छे स्कूल कॉलेज खुलने से अच्छे विद्यार्थी पढ़कर निकलेंगे, जिससे समाज में एक बदलाव हो. गलत छवि वाले के हाथों में हजारीबाग की बागडोर नहीं सीपी जानी चाहिए. महंगाई की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए. जी भी सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे, वह इस मुद्दे पर मजबूती से आवाज उठाएं. महिलाओं की सुरक्षा पर भी काम होना चाहिए.