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रांची/डेस्कः लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के महीनों बाद काफी सोच विचार के साथ ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की. लेकिन घोषणा के साथ ही राज्यभर में घमासान छिड़ गया है. अब इस घमासान पर लगाम कौन लगाएगा, क्योंकि घमासान के लिए प्रदेश कमिटी के शीर्ष नेताओं को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है. विरोध चाहे धनबाद से हो चाहे गोड्डा से हर जिले से प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी पर रुपये लेकर टिकट देने का आरोप लगाया जा रहा है. जब शीर्ष नेताओं पर ही आरोप लग जाएंगे तब आखिरकार पार्टी के भीतर की लड़ाई को कौन सुलझाएगा?
धनबाद में अनुपमा सिंह का जबरदस्त विरोध
धनबाद में आज बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी और धनबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह का जबरदस्त विरोध सामने आया. अनुपमा को टिकट दिए जाने के विरोध में कांग्रेस के पार्टी के दग्गिज नेता, कार्यकारिणी सदस्य सह मजदूर नेता ललन चौबे ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया है. ललन चौबे ने इस्तीफा देने के साथ ही अनुपमा सिंह के पति अनूप सिंह पर भी गंभीर आरोप लगा दिए है. अनूप सिंह पर आरोप लगाते हुए ललन चौबे ने दावा किया है कि अनूप सिंह की अवैध कमाई हर दिन करोड़ों रुपयों की हैं और धनबाद का टिकट खरीदा गया है.
गोड्डा से लेकर खूंटी तक बवाल
इधर, बात करें गोड्डा लोकसभा सीट के प्रत्याशी दीपिका पांडे सिंह की, तो उनको टिकट मिलने के विरोध में गोड्डा के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही साफ तौर पर यह आरोप भी लगाया गया है कि प्रदेश के नेताओं ने रुपये लेकर टिकट का बंदरवांट कर दिया है. चतरा से भी राजद के प्रदेश महासचिव ने केएन त्रिपाठी के पास जनाधार नहीं होने का दावा कर दिया है. वहीं खूंटी से झामुमो के बसंत लोंगा ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. वहां से इंडिया गठबंधन के कांग्रेस नेता कालीचरण मुंडा उम्मीदवार हैं. ऐसे में गठबंधन का समीकरण भी बिगड़ता नजर आ रहा है.