कृपा शंकर/न्यूज़ 11भारत
बोकारो/डेस्क:-धनबाद लोकसभा के एनडीए प्रत्याशी को लेकर एकबार फिर जमशेदपुर के निर्दलीय विधायक सरजू राय का लहजा तल्ख रहा. बोकारो में प्रेस से बात करते हुए कहा कि भाजपा जिस प्रत्याशी पर दांव खेल रही है, उस व्यक्ति पर 50 मामला दर्ज है. चार मामले में निचली अदालत ने दंडित किया है. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में मामला ले जाया गया है. जबकि दो अन्य मामले में 30 मई को सुनवाई है. वहीं, सांसद पीएन सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि धनबाद के सांसद सीधे-सादे थे, लेकिन सुस्त थें. ऐसे सांसद के स्थान पर इस तरह की प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को टिकट देने की बजाय परहेज करना चाहिए था. कहा कि बाघमारा क्षेत्र में आतंक का माहौल है. 1 से लेकर 5 नंबर बीबीसी कोलियरी तक आपको 1800 रुपए प्रति टन देना होता है.
बेटे के नाम पर 2.6 करोड़ की जमीन खरीदी-
सरयू राय ने आगे कहा कि बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने बेटे के नाम पर 2.6 करोड़ की जमीन खरीदी है. वहीं, दो ऐसे लोगों के नाम बेनामी संपत्ति खरीदी है, जो 28-29 डीड अपशे नाम रजिस्ट्री कराने की उनकी हैसियत ही नहीं है. कहा कि उनके बेटे के नाम चार और प्लाट के कागजात मेरे पास आए हैं.
नोटिस को जवाब नहीं दिया केस दर्ज करें, तो कोर्ट में दूंगा जवाब-
सरयू राय ने कहा कि धनबाद संगठन के जिलाध्यक्ष को सिर्फ इस लिए धमकी दी गई क्योंकि उन्होंने बाबूलाल मरांडी को पत्र लिखकर लोकसभा प्रत्याशी पर असहमति जताई थी. इसके बाद मेरी सक्रियता धनबाद लोकसभा क्षेत्र में बढ़ी. तो प्रिंस खान ने भी उसी लहजे में उक्त जिलाध्यक्ष को धमकी दी साथ ही मुझे भी. कहा कि इसको लेकर मुझे तीन दिन के अंदर जवाब देने का नोटिस दिया गया था. मैंने नोटिस का जवाब नहीं दिया. इंतजार में हूं कि मुझपर मुकदमा दर्ज करें, मैं कोर्ट में जवाब दूंगा.
भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं, समर्थकों व शुभचिंतकों से अपील-
उन्होंने कहा कि हमारे लोग धनबाद लोकसभा क्षेत्र में घूम घूम कर आकलन तैयार कर रहे हैं. इसके बाद ही धनबाद से चुनाव लड़ने या किसी को समर्थन करने का निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस के नेताओं से बात की. उनसे कहा है कि आप बेहतर प्रत्याशी देते हैं तो मैं समर्थन करूंगा. अगर आपका प्रत्याशी बेहतर नहीं हुआ तो मैं चुनाव लड़ूंगा. वहीं भाजपा कार्यकर्ता शुभचिंतक तथा समर्थकों से कहा कि आप पंडित दीनदयाल उपाध्याय या पंडित लक्ष्मीकांत वाजपेई दोनों में से किसके विचारधारा पर चलना चाहते हैं. यह आपको तय करना है. कहा कि यह लड़ाई पार्टी से ऊपर उठकर एक ऐसे व्यक्ति की प्रवृत्ति के खिलाफ लड़ाई है, जिस प्रवृत्ति को संसद में नहीं पहुंचना चाहिए