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रांची डेस्क: वैसे तो चैत्र नवरात्रि का हर दिन बहुत खास होता है. मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों नवरात्रि में पूजा की जाती है. लेकिन आपको बता दें कि इन नौ दिनों में महाअष्टमी और महानवमी तिथि को श्रेष्ठ माना जाता है. अष्टमी और नवमी के दिन घर-घर में देवी की पूजा, कन्या पूजन और हवन किया जाता है. बता दें, चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. तो आइये जानते है है कि इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि किस दिन है.
अष्टमी तिथि कब है?
बता दें, चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन महाष्टमी की पूजा की जाती है. इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. बता दें कि चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी 16 अप्रैल यानि आज है. 15 अप्रैल को दोपहर 12.11 मिनट से लेकर 16 अप्रैल की दोपहर 01.23 तक चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि रहेगी. इसलिए उदिया तिथि के वजह से 16 अप्रैल यानि आज महा अष्टमी होगी.
नवमी तिथि कब है?
17 अप्रैल यानि कल चैत्र नवरात्रि की महानवमी है. बता दें कि वरात्रि के नौवें दिन को महानवमी मनाई जाती है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. बता दें, 16 अप्रैल यानि आज दोपहर 01.23 से लेकर 17 अप्रैल दोपहर 03.14 तक नवरात्रि की महानवमी रहेगी.
कैसे करें कन्या पूजन
कन्या पूजनकरने के लिए सबसे पहले 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन के लिए बुलाएं. उसके बाद कन्याओं के घर आने पर कन्या का पैर पानी से धोएं फिर उन्हें आसन पर बिठाएं. फिर सभी को रोली, कुमकुम और अक्षत से तिलक करें और कलाई में कलावा बांधे. इसके बाद आप कन्याओं को भोजन परोसें. कन्याओं को प्रसाद के रूप में फल, उसामर्थ्यानुसार दक्षिणा या उनके उपयोग की वस्तुएं दें. अंत में सभी कन्याओं के पैर छूकर कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.