आशीष शास्त्री/न्यूज11 भारत
सिमडेगा/डेस्कः एक फिल्म में गाना आया था कि, जेठ की दुपहरी में पांव जले हैं, लेकिन अभी तो हालात ये हैं कि जेठ आया नही लेकिन चैत्र माह की दुपहरी हीं लोगों के पांव जलाने लगी है. गर्मी की तपिश से लोग परेशान हैं.
चैत्र माह की गर्मी ने तोड़े तपिश के तोड़े रिकॉर्ड, सुरज बरसा रहा आग
चैत्र माह का है ये आलम तो जेठ और बैशाख में क्या होगा गर्मी का कहर, डरने लगे हैं लोग सिमडेगा में करीब एक सदी के बाद इतनी भयावह रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ग्रीष्म ऋतु के शुरूआती दिनों में हीं पडने लगे हैं. गर्मी की शुरूआती दिनों से ही पारा 42 के पार जाने को बेताब होने लगी है. इस बार अप्रैल माह के पहले सप्ताह में ही गर्मी की तपिश बढ़ गई थी. सूरज सुबह नौ बजे से हीं आग बरसा रहा है. दिनभर लू के थपेड़े चल रहे है और कडी धूप देह को जला रही है. चैत्र माह की गर्मी को देखकर लोग डरने लगे है. उनका कहना हैं कि अभी से गर्मी का आलम यह है तो मई-जून की गर्मी का कहर कैसे झेलेंगे.
बढ़ती गर्मी से लोगों हो रहे बीमार
सिमडेगा में लगातार रिकॉर्ड तोड़ बढ़ता तापमान ढाने लगा है कहर, गर्म तवे जैसी धरती तपने लगी है. चिलचिलाती धूप आग बरसाने लगी है. बढती गर्मी लोगों को बीमार कर रही है. सिमडेगा जिले का में गर्मी का पारा अब 42 के पार तक पंहुचने लगा है. अप्रैल महीने में जेठ से भी भीषण गर्मी पडने लगी है. सुबह 10 बजे से ही आसमान से सूर्य आग बरसाने लगता है. चिलचिलाती धूप में लोग काम करने बाहर तो निकल रहे हैं, लेकिन बाहर की गर्मी सन स्ट्रोक लोगों को अपने चपेट में ले रही है.
जिससे डिहाइड्रेशन, डायरिया जैसी बीमारियां तेजी से बढ रही है. सदर अस्पताल में अहले सुबह से हीं मरीजों की भीड़ लगने लगी है. इसमें अधिकांश मरीज सन स्ट्रोक से प्रभावित हैं. अस्पताल के बेड भी डायरिया, उल्टी जैसी शिकायत वाले मरीजों से भरने लगे हैं. स्वास्थ्य विभाग लोगों को धूप से बचने की सलाह देते हुए पानी अधिक पीने की अपील कर रहा है. सदर अस्पताल के डीएस राजेश कुमार ने कहा कि बढ़ते गर्मी से बचें पानी खुब पीएं जिससे डिहाइड्रेशन नहीं हो. साथ ही तबीयत ज्यादा खराब होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
इस बार गर्मी के आगाज देख कर लगने लगा है कि इस साल जेठ और बैशाख महीने में गर्मी की सितम एक बार फिर दोपहर में लॉकडाउन जैसे हालात पैदा कर सकते हैं. जब भारी गर्मी और तपन से बचने के लिए लोग सुबह 11 बजते-बजते खुद को कमरों में बंद कर लेगें और बाहर तपती सडकों पर मात्र सन्नाटा नजर आएगा.