संतोष कुमार/न्यूज़11 भारत
चांडिल/डेस्क:-चांडिल अनुमंडल के नीमडीह थाना अंतर्गत कुकड़ू प्रखंड के पंचायत पारगामा के ग्राम हाईतीरुल में बीती रात सोमवार को असामाजिक तत्व द्वारा सिद्धू कान्हू चौक हाईतीरुल में लगा हुआ नाम बोर्ड तथा सारना झंडा को उखाड़ फेंक दिया गया.सुबह ग्रामीण द्वारा इस तरह से हुई घटना को लेकर ग्रामीण आक्रोशित होकर सिद्धू कान्हू चौक में सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर इस तरह से हुए घटना का विरोध करने लगे।आदिवासी समुदाय के लोग अपने आदिवासी हथियार (फर्शा,धनुष) लेकर उग्र आंदोलन के लिए चौक किनारे बैठ गए तत्पश्चात निमडीह थाना प्रभारी को सूचना दिया गया.जिसके तुरंत बाद ही थाना प्रभारी घटना को संज्ञान में लेते हुए अपने एएसआई ए गौतम को घटना स्थल पर भेजे,उनके पहुंचने के बाद ग्रामीणों से बातचीत कर घटना को शांत कराया गया.ग्रामीणों के द्वारा लिखित रूप से घटनास्थल पर ही एएसआई ए गौतम को घटना से संबंधित आवेदन सौपा गया.एएसआई के द्वारा यथा शीघ्र घटना में संलिप्त व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिए.
सभी आजादी आंदोलनकारियों का हो समान सम्मान: लालु माझी मुखिया
मौके पर उपस्थित पारगामा पंचायत के मुखिया लालु माझी ने कहा कि इस तरह की घटना समाज के लिए बहुत ही निंदनीय है, सिद्धू कान्हू ने केवल अपने जाती संप्रदाय की लड़ाई नहीं लड़े थे बल्कि उस समय अंग्रेजों द्वारा महिलाओं पर हो रहे अत्याचार एवं कुर्रता से शासन,शोषण के खिलाफ आवाज उठाया था.जो भी आंदोलनकारी चाहे बिरसा मुंडा हो या कोई भी स्वतंत्रता सेनानी हो सभी का सम्मान एवं उचित आदर सम्मान करना हमारा फर्ज है, इस तरह किसी भी क्रांतिकारी के सम्मान को ठेस पहुंचाना किसी को भी शोभा नहीं देता है, जहां हम सभी को स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए,वही इस तरह का घटना समाज के लिए काफी निंदनीय है,उन्होंने यह भी कहा की हम सभी मिलजुल कर रहेंगे जिससे ही एक उन्नत समाज का निर्माण किया जा सकता है.
नव किशोर हांसदा बीस सूत्री उपाध्यक्ष कुकड़ू प्रखंड
नव किशोर हांसदा ने कहा की इस तरह से आजादी आंदोलन के सिपाही के ऊपर अपमान किसी भी हद तक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा इस तरह के घटना को अंजाम देने वाले के ऊपर सख्त कानूनी कारवाई हो जिससे की किसी भी क्रांतिकारी शहीदों का सम्मान के ऊपर खिलवाड़ करने का कोई दु:साहस न करे.यदि उचित करवाई नही किया जायेगा, तो हम सभी ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. इस तरह से आगे भी दो बार बोर्ड को उखाड़ा गया था परंतु बार बार इस तरह से स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान सहन नहीं है.