विस्थापित गांव श्यामपुर के जाहेरगढ़ में धूमधाम से सरहुल महोत्सव मनाया गया.
कृपा शंकर/न्यूज़11 भारत,
बोकारो/डेस्क: प्रकृति पर्व सरहुल के अवसर पर सखुआ वृक्ष की विधिवत पूजा अर्चना की. आदिवासी समुदाय के लोगों ने मांदर की थाप और पारंपरिक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया. इससे पूर्व आदिवासी समाज के लोग अपनी मनोकामना के साथ जाहेरगढ़ मे जुटे. जहां नायके की अगुवाई में इष्टदेव की पूजा की गई. पूजा अर्चना के बाद उत्साहित महिला एवं पुरुषों ने मांदर के थाप पर देर रात तक नाच-गान करते रहे. इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि झामुमो बोकारो विधानसभा प्रभारी सह महानगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा कि झारखंड के आदिवासी समाज प्राकृतिक प्रेमी होते है. यहां के हर पर्व त्योहार प्रकृति से जुडा होता हैं, जो सभी को प्राकृतिक की रक्षा करने की प्रेरणा देता है. कहा कि सभी को अपनी भाषा, संस्कृति से प्रेम करना चाहिए. आदिवासी संस्कृति, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है. ये समाज राष्ट्र तथा प्रकृति का सच्चा पुजारी है. आज अगर प्रकृति सुरक्षित व संरक्षित है, तो निश्चित ही इसका श्रेय आदिवासियों को जाता है. सरहुल में सरना मां से हम अच्छी बारिश व सुख शांति की कामना की जाती है. मौके पर माझी हडाम हराधन सोरेन, भरत सोरेन, मुटुकलाल किस्कू, दुर्गा सोरेन, परमेश्वर टुडू, विजय किस्कू, महावीर मरांडी, शेखर हेम्बम, मोती हेंब्रम, छोटू सोरेन, मंगल सोरेन, आनंद किस्कू, नीरज मिश्रा, कुंदन कुमार, अमावति सोरेन, अनिता सोरेन, जलेश्वरी देवी, सोहागी देवी सहित अन्य मौजूद थे.