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रांची/डेस्कः- भारत में सबसे ज्यादा बारिश होने वाले जिले में भी अब पानी की कमी का संकेत मिलने लगा है. भारत ही नहीं, कहा जाता है कि दुनियां में सबसे ज्यादा बारिश होने वाली सोहरा मेघालय राज्य में स्थित है. पेड़ों की अँधाधुंध कटाई और जल संरक्षण नीति को सही से लागू न करने से ही ये स्थिति उत्पन्न हो पाई है. मेघालय पिछले कई दिनों से लू के चपेट में है. यहां कई ईलाकों में 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान पहुंच गया है. खासकर के राजधानी शिलॉंग और कई शहरें में झीलों के सूख जाने की वजह से पीने तक के पानी के लाले पड़ने लगे हैं. इस समस्या से समाधान के लिए यहां के सीएम कोनराड संगमा बुधवार को एक मीटिंग भी बुलाई थी.
शंका जताई जा रही है कि अगर एक महीने के भीतर बारिश नहीं हुई तो परिस्थिति गंभीर हो सकती है. जल संकट के समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा जल संरक्षण के उपायों को गंभीरता से अपनाने को कहा है. वेल्स गारो हिल्स के जिला प्रशासक ने पानी की कमीं को देखते हुए तूरा नगरपालिका में धारा 144 के जैसा कई तरह की पाबंदी लगा दी गई है. जिला प्रशासक के द्वारा पानी को सोच-समझकर प्रयोग करने को लेकर अपील की जा रही है. कई जगहों पर तो टैंकर से पानी सप्लाई करने की नौबत आ गई है. दुनियां में सबसे ज्यादा बारिश होने वाली जगहों में शुमार है मेघालय का सोहरा इलाका. मौसम विभाग के द्वारा जारी एक आंकड़ा के अनुसार साल 1861 में पूरे एक साल के दौरान 22,987 मिलीमीटर बारिश के साथ यहां दुनियां का सबसे ज्यादा बारिश होने का रिकार्ड दर्ज किया गया था. मौसम विभाग के अधिकारी के द्वारा अप्रैल के दौरान बीते साल के मुकाबले बहुत कम बारिश हुई है. अप्रैल के महीने में साप्ताहिक 81.6 मिलीमीटर फीसदी बारिश को सामान्य माना जाता है.वहीं औसत बारिश की मात्रा 8.5 मिलीमीटर रही है.