Monday, May 6 2024 | Time 03:47 Hrs(IST)
 logo img
झारखंड


उलगुलान न्याय महारैली से भूखी प्यासी हजारीबाग वापस आई महिलाओं का छलका दर्द

उलगुलान न्याय महारैली से भूखी प्यासी हजारीबाग वापस आई महिलाओं का छलका दर्द
फलक शमीम/न्यूज़11 भारत

हजारीबाग/डेस्क: राजधानी राँची में इंडी गठबंधन द्वारा रविवार को उलगुलान न्याय महारैली का आयोजन किया गया था. ऐसे में इस कार्यक्रम में झारखंड राज्य के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग पहुंचे. वहीं हजारीबाग से भी सैकड़ों की संख्या में लोगो को रांची ले जाया गया. इसी बीच कार्यक्रम में आधी आबादी की उपस्थिति ज्यादा से ज्यादा दर्ज कराने को लेकर हजारीबाग से पैसे और खाने का प्रलोभन देकर 2 बसों में महिलाओं को ले जाया गया. हालांकि पैसे तो दूर की बात सभी महिलाओं को खाना-पानी तक कार्यक्रम में नहीं मिला. इधर भूखी प्यासी जब महिलाओं से भरी बस हज़ारीबाग़ पहुंची तो महिलाओं का गुस्सा उनके चेहरे से ही झलक रहा था. रात तकरीबन 11:45 बजे रांची से महिलाओं से भरी बस हजारीबाग पहुंची तो महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर देखने को मिला. महिलाओं ने बताया कि सुबह 8 बजे ही महिलाओं को बस में बैठा कर रांची की ओर ले जाया गया, जहां रांची की दूरी हजारीबाग से करीब 2 घंटे की है तो वहीं इन्हें 6 घंटे में भूखें प्यासे रांची पहुंचाया गया. कार्यक्रम के बाद भी खाने को ना कुछ दिया गया ना ही पानी पिलाया गया. 

 

महिलाओं को नहीं था मालूम की रांची में राजनीतिक कार्यक्रम है

हजारीबाग सदर प्रखंड मंडाई क्षेत्र की रहने वालीं राबिया खातून बताती है कि उन्हें जानकारी दी गई थी की नगर निगम द्वारा कोई मिटिंग है रांची में, जिसे लेकर वो रांची जाने के लिए हामी भरते हुए सुबह 8 बजे बस में आकर बैठ गई थी. उन्होंने आगे बताया कि जिसने उन महिलाओं को रांची ले जाने और पैसे दिलाने का आश्वासन दिया था. उसने भी अपना मोबाइल बंद कर दिया था. महिलाओं का कहना है कि न ही उन्हें नास्ता मिला न ही खाना और न ही पैसे मिले, आगे अन्य महिलाओं ने बताया कि कई महिलाएं अपने साथ बच्चों को भी लेकर गई थी. भूख और गर्मी के कारण बच्चों की तबीयत भी खराब हो गई. 

 


 

जो हुआ हमारे साथ वो ना हो और किसी के साथ

रांची से जब भूखी प्यासी महिलाओं से भरी बस हजारीबाग पहुंची तो गुस्साई महिलाओं ने अपना दर्द तो बयां किया ही, साथ ही अन्य लोगों से ऐसे झांसे में न फंसने की अपील भी की. 

 
अधिक खबरें
आजादी से आज तक फुलवरिया बिरहोर टोला में नहीं पहुंची बिजली, ग्रामीणों ने लिया वोट बहिष्कार का फैसला
मई 05, 2024 | 05 May 2024 | 10:40 AM

आजादी से आज तक फुलवरिया बिरहोर टोला में बिजली नहीं रहने के कारण यहां के निवासियों द्वारा इस चुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लेने पर शासन से लेकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है. इस टोले में 75-80 घर हैं, जिसकी आबादी 500-550 है.

ईचागढ़ भाजपा विधानसभा कोर कमेटी की बैठक, चुनाव की तैयारीयों पर हुई चर्चा
मई 05, 2024 | 05 May 2024 | 9:42 PM

चांडिल डैम रोड के अन्नपूर्णा बैंक्विट हॉल में भाजपा के चांडिल मध्य मंडल का चुनावी कार्यालय का विधिवत रूप से फीता काटकर ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह, रांची लोकसभा के संयोजक संजीव विजयवर्गीय, ईचागढ़ के विधानसभा संयोजक मधु गोराई और सह संयोजक सारथी महतो द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

दोबारा झारखंड दौरे पर आएंगे पीएम मोदी, 12 मई को चतरा और 16 मई को कोडरमा में करेंगे जनसभा को संबोधित
मई 05, 2024 | 05 May 2024 | 8:08 AM

हाल ही में राज्य के दौरे से वापस लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मई को दोबारा झारखंड की धरती पर आएंगे. इस दौरान वह चतरा और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मई को चतरा लोकसभा के सिमरिया के मुरुवे मैदान में दोपहर 3 बजे आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री 16 मई को भी झारखंड आएंगे. वह गिरिडीह जिला अंतर्गत बिरनी प्रखंड के पेशमअरवाड़ मैदान में सुबह 8 बजे से आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे.

बैंक कर्मचारियों को अब सफ्ताह में मात्र इतने दिन ही करने होंगे काम. इस दिन से मिलेगी मंजूरी
मई 05, 2024 | 05 May 2024 | 8:04 AM

क कर्मचारियों के द्वारा हफ्ते में दो दिन की छुट्टी को लेकर भारतीय बैंक संघ और कर्मचारी युनियन के बीच पहले ही एक समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं बस इसपर सरकार की मंजूरी बाकी रह गई है. बैंक कर्मचारी की दो दिनों की छुट्टी की मांग को बहुत जल्द पूरी की जा सकती है.

सीता सोरेन का शिकारीपाड़ा में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन, नलिन सोरेन को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेने का किया आह्वान
मई 05, 2024 | 05 May 2024 | 7:50 PM

दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के जामकान्दर में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित हुआ. जिसमें शिकारीपाड़ा के पूर्वी और पश्चिमी दोनों मंडल के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता मौजूद थे, इसलिए इसे संयुक्त कमेटी सम्मेलन का नाम दिया गया.