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विरोधी दल के पास धनबाद-बोकारो में गिनाने के लिए कोई भी उपलब्धि नहीं, कांग्रेस के दौरान में लगा उद्योग: जय मंगल सिंह

विरोधी दल के पास धनबाद-बोकारो में गिनाने के लिए कोई भी उपलब्धि नहीं, कांग्रेस के दौरान में लगा उद्योग: जय मंगल सिंह
कृपा शंकर/न्यूज़ 11भारत

बोकारो/डेस्क: सेक्टर वन स्थित हंस रेजेंसी होटल में धनबाद लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह को समर्थन करने को लेकर, बेरमो विधायक जय मंगल सिंह बोकारो चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बीच पहुंचे. उपस्थित सभी गणमान्य के बीच महागठबंधन के शासनकाल की उपलब्धियों गिनाई. वहीं भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया. कहा कि पार्टी को वोटिंग करने से बेहतर है कि आप एक अच्छे प्रत्याशी के लिए वोटिंग करें. जिनको आपको सहयोग करे. आपकी समस्याओं के समाधान के लिए पहल करे. ना कि आपको परेशान करे. कहा कि व्यापारी किसी एक राज्य के नहीं होते. अलग-अलग राज्यों में जाकर विभिन्न देश प्रदेशों की टेक्नॉलॉजी पहुंचाकर, हिन्दुस्तान की नींव मजबूत करते है. जरुरत की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराते है. 

 

भाजपा में हावी हो रहा है 1932, भाजपा वाले आ रहें है इधर

उन्होंने कहा कि भाजपा में 1932 हावी हो रहा है. प्रत्याशी 1932 वाली मेंटालिटी वाले आ रहे है. तब भाजपा के लोग इधर आ रहें है. वहीं कहा कि मंदिर बनाना अच्छा कार्य है. यह आस्था का विषय है. लेकिन इस पर राजनीति करना गलत है. जो कि अभी चल रहा है. 

 

धनबाद-बोकारो में उपलब्धि गिनाने के लिए विरोधी दल के पास कुछ भी नहीं 

जय मंगल सिंह ने कहा कि बोकारो तथा धनबाद क्षेत्र में आज तक विरोधी दल के द्वारा एक भी उद्योग नहीं लगाया गया है. उनके पास उपलब्धि के नाम पर गिनने के लिए कुछ भी नहीं है. यहां जो उद्योग लगे हैं वो कांग्रेस की देन है. 

 


 

आप किसमें विश्वास रखते हैं सरकारीकरण या निजीकरण 

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी द्वारा कोल इंडिया प्रोजेक्ट एक्ट लागू किया गया था. इसके तहत कोयला उद्योग आने वाले 40 से 70 वर्ष तक जिंदा रहता. लेकिन इस सरकार ने इसे हटा दिया. अब प्राइवेट कंपनी कोल खदान खरीदेगी. खरीद भी रही है. इसका परिणाम यह होगा कि प्राइवेट कंपनी सस्ता में कोल बेचेगी और कोल इंडिया का कोयला महंगा होगा. फिर कोल इंडिया नुकसान में होगा. कोल इंडिया कर्मियों को पेंशन, बोनस मिलेगा की नहीं, इस पर भी एक प्रश्न चिन्ह है. इसके बाद वो आउट सोर्सिंग पर चला जाएगा. 50 वर्षों में बसा सिविलाइजेशन घर छोड़ने को विवश हो जाएगा. प्राइवेट कंपनी मनमानी करेगी. अब आपको तय करना है कि आप सरकारीकरण के पक्ष में विश्वास रखते हैं या निजीकरण में.
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