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रांची/डेस्कः- एस्टोनिया जो युरोप का एक बहुत छोटा सा देश है, यहां लोगों को इंटरनेट के प्रयोग में एक भी रुपए खर्च नहीं होता. यहां हर सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है. यहां के नागरिक को टैक्स भरना हो या कार पार्किंग के लिए ऑनलाइन पेमेंट करना हो हर सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है. युरोपीय महादेश के उत्तर-पूर्वी बाल्टिक सागर के पूर्वी भाग में बसा एक देश है जो पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था. 1991 में ये रुस से अलग हो गया उसके बाद से यहां की इक़ोऩॉमी में तेजी से सुधार आया.
हर पब्लिक स्पॉट पर फ्री वाई-फाई कनेक्टीविटी
यहां पर लगभग 90 प्रतिशत लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. और यहां सन् 2000 से ही सभी स्कूल और कॉलेजों में फ्री इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है. इस देश के आर्थिक मंत्रालय का एक टार्गेट है कि देश का हर नागरिक फ्री नेट का प्रयोग करना सीख सके. इस देश में तीन हजार से ज्यादा वाईफाई स्पॉट है. कॉफी शॉप हों, रेस्त्रा हों, पैट्रोल पंप हो या फिर स्कूल,कॉलेज, अस्पताल सभी जगहों पर फ्री वाई-फाई कनेक्टीविटी दिया गया है. इस देश में चुनाव के दौरान वोट भी ऑनलाइन दी जाती है. इंटरनेशनल ब्रॉडबैंड स्पीड इनवेस्टिगेशन एजेंसी के मुताबिक नार्वे में नेट की स्पीड सबसे ज्यादा है. इसी आंकड़ों के अनुसार यहां वर्तमान में यह प्रतिसेकेंड 52.6 मेगाबाइट है. यानी कि अगर हम 400 एमबी की कोई फिल्म डाउनलोड करना चाहें तो महज 8 सेकेंड में कर सकते हैं.
इनंटरनेट के साथ-साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी फ्री
एस्टोनिया में केवल इंटरनेट ही नहीं बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बिल्कुल मुफ्त दिया जा रहा है. इस देश की राजधानी ताल्लिन के तात्कालिन मेयर एदगार साविस्सार ने 2013 में पहली बार यह फ्री ट्रांसपोर्ट वाला फैसला लिया था जिसका सबसे बड़ा कारण है चुंकि रुस का हिस्सा रहने के दौरान लोगों में आपस में काफी मनमुटाव रहता था इसी मनमुटाव को दूर करने व लोगों में आपसी मेल-जोल बढ़ाने के लिए ये फैसला लिया गया था. इस फैसले को लागू करने से पहले देश में जनमत संग्रह करवाया गया जिसमें भारी संख्या में लोगों को समर्थन मिला और उसके बाद से ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री कर दिया गया. इस देश के अलावा जर्मनी और फ्रांस में भी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री करने की बात की जा रही है. युनाइटेड किंगडम के वेल्स में वीकेंड में फ्री बस चलाई जाती है.