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रांची/डेस्क:- एक बुजुर्ग जो पिछले 27 सालों से कत्ल के आरोप में फरार चल रहा था, दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच नें उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि टिल्लू नाम का अपराधी 77 साल के बुजुर्ग शख्स हैं. पुलिस से बचने के लिए ये आरोपी साधु के भेष में घुमता था. फोन ट्रेक में पाया गया कि हमेशा से अपराधी का फोन लोकेशन धर्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द ही रहता था. यही कारण है कि दिल्ली पुलिस अपराधी को पकड़ने के लिए कभी धार्मिक स्थलों में भंडारे का आयोजन किया करती तो कभी धार्मिक आयोजन. मगर पुलिस पिछले 27 सालों से आरोपी को पकड़ने में असफल रही. आरोपी बार-बार अपना नाम, ठिकाना, लोकेशन, बदलता रहता था ताकि पुलिस से बचा जा सके.
दिल्ली पुलिस के द्वारा ओखला थाने में टिल्लू के खिलाफ 1996 से ही कत्ल के मामले में केस दर्ज है. 4 फरवरी 1996 को किशन लाल नाम के एक शख्स की लाश मिली थी. इसी मामले में पुलिस टिल्लू को तलाश कर रही थी. केस दर्ज होने के बाद टील्लू के गृह नगर कानपूर के आसपास पुलिस के द्वारा कई जगहों पर छानबीन किया, पर अभी तक कहीं से आरोपी का कोई सुराख नहीं मिल पाया था. नब्बे के दशक में न तो फोन का प्रचलन था जिससे लोकेशन ट्रेक किया जा सके न ही कोई सीसीटीवी. किसी प्रकार का कोइ सुराख न मिल पाने के चलते पुलिस के द्वारा टिल्लू को भगोड़ा घोषित करना पड़ा था.
2023 में जाकर के पुलिस को पता लगा कि टिल्लू कन्या कुमारी में है. पुलिस को टिल्लू के परिवार का फोन नंबर हाथ लगा उन नंबरों को जब खंगाला गया तो बार-बार लोकेशन बदलता रहता था. सबसे पहले कन्याकुमारी में फोन लोकेशन ट्रेक हुआ फिर उडीसा के जगन्नाथपूरी में लोकेट होने के बाद फोन बंद हो गया था. इन्ही सारी घटनाओं से पुलिस को अंदाजा हुआ कि टिल्लू ज्यादातर धर्मिक स्थलों के आस-पास ही रहता था.
पुलिस के क्राइम ब्रांच के द्वारा टिल्लू का फोन ऋषिकेश के आसपास एक्टिव हुआ, जानकारी मिलते ही पुलिस ऋषिकेश पहुंची. वहां के गलियों में पुलिस ने लोगों से पुछताछ भी किया पर कोइ जानकारी नहीं मिल सकी. लोगों को इकट्ठा करने के लिए पुलिस को भंडारे का आयोजन करना पड़ा इस बीच पता चला कि टिल्लू घाट नंबर तीन में है. पुलिस नें तुरंत टिल्लू को हिरासत में लेकर पुछताछ कर गिरफ्तार कर लिया.