बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला नजर आ रहा है. पिछले 15 साल से नीतीश कुमार सत्ता के धुरी बने हुए हैं जबकि इससे पहले 15 साल तक लालू परिवार सत्ता पर काबिज था. सीएसडीएस-लोकनीति के ओपिनियन पोल में सीएम के रूप में नीतीश कुमार ही पहली पसंद बताए गए हैं, लेकिन उनके लिए चिंता के संकेत ये हैं कि उनकी लोकप्रियता साल दर साल घटती जा रही है. इसके उलट लालू परिवार की लोकप्रियता में साल दर साल इजाफा नजर आ रहा है. तेजस्वी यादव प्रदेश की जनता के बीच सीएम के रूप में दूसरी पसंद बनकर उभरे हैं.
बिहार चुनाव पर लोकनीति और सीएसडीएस द्वारा किए गए ओपिनियन पोल में 31 फीसदी लोगों ने बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पसंद बताया है, लेकिन लालू परिवार को भी 30 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं. इनमें से 27 फीसदी लोग तेजस्वी यादव को और तीन फीसदी लोग लालू यादव को सीएम के तौर पर पसंद कर रहे हैं. जाहिर है कि मुकाबला कांटे की टक्कर का है.
ओपिनियन पोल में नीतीश की घटती लोकप्रियता
बिहार के सात विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो साफ जाहिर होता है नीतीश कुमार का जादू जिस तरह से लोगों के सिर चढ़कर बोलता था वो धीरे-धीरे उतरने लगा है. वहीं, लालू यादव परिवार का असर जो कम हुआ था वो अब फिर से लोगों पर दिखने लगा है. लोकनीति और सीएसडीएस के मुताबिक 1995 में मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार को महज 7 फीसदी लोगों ने पंसद किया था जबकि लालू यादव को 23 फीसदी लोगों का समर्थन था. लालू यादव का चारा घोटाले में नाम आने के बाद बिहार की सत्ता पर राबड़ी देवी काबिज हुईं और उन्हीं के नेतृत्व में साल 2000 का चुनाव हुआ. साल 2000 में नीतीश कुमार को महज 6 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर अपनी पसंद बताया जबकि लालू-राबड़ी पर 26 लोगों ने सहमति दी थी. पांच साल के बाद फरवरी 2005 में बिहार चुनाव हुए तो 24 फीसदी लोग नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री देखना चाहते थे जबकि लालू-राबड़ी के लिए ये आंकड़ा घटकर 18 फीसदी ही रह गया.
ओपिनियन पोल में तेजस्वी का ग्राफ बढ़ा
2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़कर लालू प्रसाद यादव के साथ हाथ मिलाकर चुनावी मैदान में उतरे. इस चुनाव में नीतीश कुमार को 40 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपना समर्थन दिया जबकि लालू परिवार से कोई शख्स सीएम का चेहरा नहीं था. हालांकि, इस बार के चुनाव के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं और नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव के बीच सियासी जंग होती नजर आ रही है. तेजस्वी महागठबंधन की ओर से सीएम पद का चेहरा हैं तो नीतीश कुमार एनडीए की अगुवाई कर रहे हैं. ऐसे में सर्वे के मुताबिक 31 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया है जबकि 30 फीसदी लोग लालू परिवार पर अपनी सहमति जताया रहे हैं. इससे जाहिर होता है कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता एक तरफ जहां घट रही है तो लालू परिवार दोबारा लोगों की पंसद बनता जा रहा है.