अजय लाल / न्यूज 11 भारत
रांची: पता नहीं विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टैगौर लुक वाले चेहरे को कैसे परिभाषित करता है. लेकिन बच्चों को मोदी का टैगोर लुक खूब भाया. बच्चे मोदी के इस लुक को पहली बार देखा है ऐसा नहीं कहा जा सकता लेकिन परीक्षा पर संवाद के दौरान बच्चों ने मोदी के टैगोर चेहरे वाले लुक पर ज्यादा ध्यान दिया और उनका चेहरा भाया भी. नहीं मालूम दसवीं और 12 वीं की परीक्षा देने वाले छात्र - छात्रा मौजूदा दौर की राजनीति के बारे में क्या सोचते हैं. यह जानना रोचक ही होगा कि वो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बारे में क्या राय रखते हैं. लेकिन यह तय मानकर चलिए कि बच्चों ने अपने संग पीएम मोदी के परीक्षा वाले संवाद को बेहद ही स्पिरिट में लिया होगा. नरेन्द्र मोदी के टैगोर लुक खास कर उनके ऋषिनुमा चेहरे पर कान्फिडेंस की आभा बच्चों को प्रेरित कर गया. रविन्द्र टैगोर जैसी धवल दाढ़ी ने बच्चो में जिज्ञासा पैदा की है. आम लोगों को भी मोदी का ये रूप खूब सुहाया है.
क्या सोचते हैं बच्चे
मोदी के टैगोर लुक पर इस संवाददाता ने दिल्ली पब्लिक स्कूल की दसवीं की छात्रा श्रीजा पांडेय से बात की. श्रीजा पांडेय ने कहा – पहली बार में मोदी को देखने पर अनायास ही आपको रविन्द्र नाथ टैगौर की याद आ जायेगी. क्यों – श्रीजा कहती है जब आप किसी को देखते हैं और उससे जुड़ी यादें आपको खुद ब खुद सामने आने लगती है. रविन्द्र नाथ टैगौर को नोबेल पुरस्कार का मिलना उन्हीं यादों का हिस्सा है. वो कहती है नरेन्द्र मोदी को सुनना आपके अंदर के विश्वास को और मजबूत कर देता है. श्रीजा कहती हैं कि नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा के बारे में जो कुछ बताया वो किताबी नहीं बल्कि अनुभव पर आधारित नॉलेज थे. वह कहती हैं कि रविन्द्र टैगोर जैसी धवल दाढ़ी ने उसे खूब भाया. डीएवी की एक छात्रा रौनक़ मोदी के इस लुक को ज्यादा पसंद करती है.वह कहती है – मोदी का यह लुक संत जैसा लगता है कि ना कि किसी प्रशासक और राजनेता जैसा. वह कहती है कि राजनेता के चेहरे से एक संत का एपरिंयस दिखना आसान नहीं होता। वह कहती हैं कि मोदी में उसे एक अभिभावक नजर आते हैं.
क्या विपक्ष इस लुक को पसंद करता है
कोरोना काल में यह मोदी का नया अवतार है. आप इसे पसंद करें ना करें लेकिन देश की एक बड़ी आबादी का यह रास आ रहा है और लोग चाहते हैं कि मोदी अपना यह लुक जारी रखें. विपक्ष प्रधानंत्री मोदी के इस अपीयरेंस की आलोचना करता है. आलोचना होनी भी चाहिए. दरअसल, मोदी का यह लुक सियासी विरोधियों को मारक लगता है. सूक्ष्मता से देखें तो उनकी आलोचना सियासी नहीं बल्कि आलोचना के लिए की जाने वाली आलोचना है. पत्रकार संजय मिश्रा भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं .
क्या कहता है विपक्ष
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव विनोद पांडेय कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी ने इस देश की मनोस्थिति को बहुत ही बेहतर ढंग से पढ लिया है. वो वही कहते हैं जो देश की जनता सुनना चाहते है. वो वही दिखाना चाहते हैं जो देश की जनता देखना चाहती है. विनोद पांडेय कहते हैं कि हर वक्त और हर मौके के लिए कौन सा वेष होना चाहिए यह मोदी बखूबी जानते हैं. मोदी का टैगोर वाला यह लुक पश्चिम बंगाल चुनाव के मद्देनजर पाला गया था. लेकिन इस वेष से भाजपा को कोई फायदा नहीं होन वाला. विनोद पांडेय कहते हैं कि अब बंगाल चुनाव संप्नन हो गया है मोदी को अपने असली वेष में आ जाना चाहिए.