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रांची/डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी (गुरुवार) को चुनावी बॉन्ड पर अपना कड़ा फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक घोषित किया और इसे रद्द करने का भी आदेश दिया. साथ ही, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को चुनावी बांड जारी करने पर भी रोक लगाई, और 6 मार्च तक चुनाव आयोग (Election Commission) को सभी विवरण जमा करने के निर्देश दिए.
SC के फैसले की मुख्य बातें
1. चुनावी बांड योजना की धारा 139 द्वारा संशोधित आयकर अधिनियम की धारा 29(1)(सी) और वित्त अधिनियम 2017 द्वारा संशोधित धारा 13(बी) के प्रावधान अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है.
2. SBI को चुनावी बांड प्राप्त करने वाले राजनीतिक पार्टियों और उनसे मिली जानकारी का विवरण जारी करना चाहिए। साथ ही मार्च तक इसे भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को सौंप दें.
3. चुनाव आयोग को यह जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी. इसके बाद राजनीतिक दल चुनावी बॉन्ड की रकम खरीददारों के खाते में लौटा देंगे.
4. इस योजना से सत्तारूढ़ दल को फायदा उठाने में मदद मिलेगी.
5. चुनावी बांड योजना को यह कहकर उचित नहीं ठहराया जा सकता कि इससे राजनीति में काले धन पर अंकुश लगेगा.
6. दाता की गोपनीयता जरूरो है, लेकिन पूरी आजादी देकर राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता हासिल नहीं की जा सकती.