धनबाद : धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में हर दिन एक से अधिक व्यक्ति आत्महत्या कर रहे हैं. महामारी कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन अवधि में यह प्रवृति और बढ़ी है. खासकर युवा इस तरह के घातक कदम उठा रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में प्राप्त सरकारी आंकड़े के अनुसार 90 दिनों में धनबाद, बोकारो व गिरिडीह जिले में 101 लोगों ने आत्महत्या की है. आखिर क्यों लोग मौत को गले लगा रहें हैं इस विषय को लेकर हमने कई बुद्धिजियों से बात की. एक रिपोर्ट...
बोकारो जिला में मार्च से लेकर 20 जून के बीच 45 लोगों ने आत्महत्या की. यहां मार्च माह में 12, अप्रैल में 10, मई में 19 तथा जून में अब तक चार लोगों ने मौत को गले लगा लिया. जबकि गिरिडीह में 19 ने अपनी इहलीला समाप्त की. झरिया की दो घटनाओं ने दिल दहलाया. कोरोना से बचाव के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगा, जो 70 दिन तक चला. दो जून से अनलॉक वन शुरू हुआ. जिंदगी पटरी पर लौटने लगी. लेकिन इस दौरान आत्महत्या की घटनाओं में अचानक वृद्धि हो गयी. कुछ लोग इतने परेशान हुए कि न केवल खुद बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आत्महत्या करने लगे. जोड़ापोखर बरारी एक नंबर निवासी शहादत इराकी ने पहले अपनी पत्नी अफसाना परवीन व 13 माह की बेटी खुशबू को मौत के घाट उतारा, फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बाद में पता चला कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया. दूसरी तरफ बनियाहीर तीन नंबर में रहने वाली रेशमा खातून ने फांसी लगा ली और उसी कमरे के बेड पर 12 वर्षीय पुत्री मुस्कान का शव मिला.
युवा वर्ग में बढ़ी आत्महत्या की प्रवृति
आत्महत्या करने वाले 101 लोगों में अधिकतर युवा और टीनेजर हैं. जबकि दो-तीन बुजुर्ग हैं. धनबाद के कुल 37 आत्महत्या के मामलों में 32 युवा व टीनेजर्स व नाबालिग हैं. वहीं पांच लोग ऐसे हैं जो 40 वर्ष से ज्यादा और 70 वर्ष के कम के हैं. बोकारो में बच्चों के आत्महत्या जैसे कदम उठाने से हर कोई चिंतित है. विगत 26 मई को पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के पिंड्राजोरा गांव निवासी मधुसूदन गोप के इकलौते 14 वर्षीय पुत्र साधन गोप ने इसलिए फांसी लगाकर जाने दे दी क्यों कि पिता ने उसे पढ़ने के लिए डांटा था. उसी दिन चंद्रपुरा की डीवीसी आवासीय कॉलोनी के पश्चिम पल्ली क्षेत्र में मोहन सिंह की 14 साल की बेटी सोनाली ने फांसी लगा कर जान दे दी. मां ने उसे पड़ोस की एक महिला के साथ बाहर देर तक घूमने पर डांटा था. पिता से डांट खाने के बाद तीन जून को हरला थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव की साह कॉलोनी निवासी 20 वर्षीय लक्ष्मी कुमारी ने नयाहिर जंगल में दुपट्टा के सहारे पेड़ से लटकर जान दे दी.
बहरहाल, बुद्धिजियों की मानें तो इस लॉकडाउन बंदी के दौरान जब तक स्थिति दुरुस्त ना हो जाये, मां-पिता अपने बच्चों से बाते करें और उन्हें टाइम दें. बच्चे ही नहीं बुजुर्गों को भी टाइम दें, क्योकि इस वक्त वो अपनों को ज्यादा देखना सुनना चाहते हैं.