आर्यन श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
कोडरमा/डेस्क:-टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत आज कई देश को टक्कर दे रहा है. यह गांव जहां 5G तो दूर यहां मोबाइल का नेटवर्क तक नहीं हैं. जी हां, यह बिल्कुल सत्य है. यह गांव बाहरी दुनिया के चकाचौंध से बिल्कुल अलग है यहां के लोग इंटरटेनमेंट, फिल्म, स्पोर्ट्स से कोसों दूर हैं. मुख्यालय से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित इस गांव का नाम बंगाखलार है.
गांव में सड़क, जल, बिजली की सुविधा तो है लेकिन टेक्नोलॉजी के मामले में या गांव पिछड़ा है. राशन दुकान में लोगों का अंगूठा लगाने के लिए ग्रामीण और राशन दुकानदार पहाड़ पर चढ़ता है ताकि नेटवर्क आ सके. वही जब गांव को लोगों को बात करनी होती है तो छत पर या पहाड़ पर चढ़ते हैं और एक कुछ हल्की नेटवर्क आने पर बात करते हैं. मोबाइल आने से जहां लोगों को काफी सहुलियत हुई है और जगह-जगह मोबाइल टावर खड़ा कर दिए गये हैं, लेकिन यह गांव आज भी इन चीजों से काफी दूर है. हालांकि यहां बीएसएनएल टावर लगाने का काम जारी है, लेकिन पिछले देढ साल में भी यह काम पूरा नहीं हो सका है.
अगर गांव के लोगों को मोबाइल से कहीं बात करना होता है तो किसी उंचे स्थान पर जाना पड़ता है. पेड़ों पर चढ़कर मोबाइल नेटवर्क ढूंढते हैं फिर जाकर किसी से बात हो पाती है. अगर किसी की तबीयत खराब हो या जंगली क्षेत्र होने की वजह से जंगली जानवर या सांपों की वजह से लोग घायल हो जाएं तो एंबुलेंस को भी यह लोग नहीं बुला पाते.एक तरफ जहां पूरे देश मे फोन पे और गूगल पे से सेकेंड भर में पेमेंट हो जाता है वही ये लोग फोन से बात तक करने को मजबूर है.