Friday, Apr 26 2024 | Time 20:40 Hrs(IST)
 logo img
  • एक विवाह ऐसा भीः शादी के दिन पुलिस ने तोहफे में दी चोरी हुई बाइक
  • प्रेरणा शाखा द्वारा बच्चों के शारीरिक मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए किया गया 5 दिवसीय कार्यक्रम
  • रांची में अवैध और बिना परमिट के ऑटो, ई-रिक्शा चलाने वालों पर कार्रवाई, चालकों में मचा हड़कंप
  • रांची में अवैध और बिना परमिट के ऑटो, ई-रिक्शा चलाने वालों पर कार्रवाई, चालकों में मचा हड़कंप
  • लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीडीओ ने की सभी बीएलओ के साथ बैठक
  • हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, 10000 रूपये जुर्माना भी लगाया
  • AJSU पार्टी के केंद्रीय सचिव महेश्वर साहू ने थामा कांग्रेस का दामन
  • रांची पुलिस ने दो महिला और दो पुरूष गांजा तस्कर को किया गिरफ्तार
  • रांची पुलिस ने दो महिला और दो पुरूष गांजा तस्कर को किया गिरफ्तार
  • पति ओडिशा में करता था मजदूरी, पत्नी प्रेमी संग बच्चे को ले कर हुई फरार
  • HC के दिवंगत वरीय अधिवक्ता प्रलय कुमार सिन्हा की स्मृति में 'लेक्चर सीरीज' की शुरूआत
  • कोर्ट की अनुमति के बिना सहायक शिक्षक नियुक्ति का परिणाम जारी ना करें JSSC और झारखंड सरकार- शीर्ष अदालत
  • खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में लगी आग, बाल-बाल बचे गृहस्वामी
  • डाड़ी कलां में नल जल योजना बेहाल, जलमीनार बने पाइप बिछी, लेकिन नहीं मिला पानी का एक बूंद
  • अति महत्वाकांक्षा ले डूबी कुणाल को, ना इधर के रहे ना उधर के
NEWS11 स्पेशल


धड़क रहा है नेतरहाट के छात्रों का कलेजा, पहली बार सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में बैठेंगे छात्र

धड़क रहा है नेतरहाट के छात्रों का कलेजा, पहली बार सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में बैठेंगे छात्र
अजय लाल/न्यूज 11 भारत

रांचीः नेतरहाट के छात्रों का कलेजा धड़क रहा है. यह पहला मौका होगा जब नेतरहाट के छात्र 10वीं की परीक्षा सीबीएसई बोर्ड के तहत देगे. मई महीने में सीबीएसई दसवीं की परीक्षा आयोजित करेगा. इससे पहले नेतरहाट के छात्र जैक बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं की परीक्षा में बैठते थे. दसवीं की परीक्षा में बैठने वाले नेतहराट के छात्रों की संख्या 100 के आसपास होती है. सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में बैठने का सीधा मतलब यही निकाला जा सकता है कि अब स्टेट टॉपर बनने के लिए नेतरहाट के छात्रों को डीपीएस रांची, डीपीएस बोकारो, जेवीएम श्यामली, संत जेवियर, डीएवी कपिलदेव और डीएवी हेहल जैसे परीक्षार्थियों को पीछे छोड़ना होगा. ये तमाम स्कूल अबतक दसवीं की परीक्षा में स्टेट टॉपर देते रहे हैं.

 

कैसे बदली व्यवस्था

नेतरहाट के छात्र पिछले कई सालों से राज्य में जैक बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में स्टेट टॉपर तो हो जाते थे लेकिन इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसी परीक्षा में वे सफल नहीं हो पाते थे. स्कूली शिक्षा के तात्कालीन सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने जब आंकड़ा निकालना शुरू किया तो पता चला कि पिछले दस सालों में नेतरहाट का कोई भी छात्र बड़ी परीक्षा में ना तो सफल हुआ है और ना ही कोई बड़ी उपलब्धि उनके नाम पर है. छानबीन करने पर पता चला कि नेतरहाट के छात्रों को दसवीं की परीक्षा में चुनौती ऐसे स्कूलों के छात्रों से होती है जिनका पहले से ही प्रदर्शन खराब रहा है. लिहाजा. छात्रों को ग्लोबल बनाने की कोशिश हुई. स्कूली शिक्षा सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रस्ताव तैयार किया और तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास डेमो दिखाया गया कि अगर सचमुच नेतरहाट के छात्रों की भलाई चाहते हैं तो इसे ऐसे बोर्ड के अधीन किया जाये जहां कड़ी चुनौती मिले और फिर नेतरहाट के जैक से हटाकर सीबीएसई के अधीन किया गया.

 

क्या कहते है स्कूली शिक्षा सचिव

उस वक्त के स्कूली शिक्षा सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह कहते है कि नेतरहाट बहुत सारे गाईडलाईन को फौलो करने में नाकाम रहा था. अमरेन्द्र प्रताप सिंह का मानना है कि जबतक आप बड़ी चुनौती से नहीं गुजरते तबतक आपका स्टेट टॉपर बनने का कोई फायदा नहीं. उन्होंने कहा कि यह देखा गया था कि नेतरहाट के छात्र स्टेट टॉपर बेशक हो जाते थे लेकिन उनके इस उपलब्धि को बड़े प्लेटफार्म पर मान्यता नहीं मिल रहा थी. अवधारनणा यह बन गयी थी कि जैक बोर्ड का टॉपर है, इससे क्या होगा. और उनके सामने सीबीएसई का टॉपर जब खड़ा होता था तो नेतरहाट के टॉपर कई मायनों में 19 साबित होते थे. लिहाजा सोच विचारकर नेतरहाट और छात्र हित में यह फैसला लिया गया.

 

क्या होगा फायदा

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा मे शामिल होने के बाद यदि नेतरहाट का छात्र टॉपर होता है तो उनकी मान्यता देशभर में होगी. सीबीएसई टॉपर होने पर शक की कोई गुंजाईश नहीं रहेगी, जैसा पहले होता था. छात्र बड़ी परीक्षा के लिए अपने आप को तैयार कर पायेंगे. साथ ही सीबीएसई अपने रूल के माध्यम से नेतरहाट पर भी चाबुक चला सकता है.

 

मुख्यमंत्री भी चिंतित

नयी सरकार बनने के बाद नयी सरकार भी नेतरहाट को लेकर काफी चिंतित रही है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने तो स्कूली शिक्षा की एक समीक्षा में यहां तक कह डाला था कि यदि हम नेतरहाट के गौरव को नहीं बचा सकते तो हमारा रहना बेकार है. लिहाजा, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अपनी पूरी टीम के साथ नेतरहाट का दौरा किया था और मौके पर ही कई फैसले भी लिये थे.

 
अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.