रांची : डॉक्टर गूगल की सलाह से कई लोग महत्वपूर्ण दवाइयां खा रहे हैं. जी हां इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन की वजह से लोग डॉक्टरों की सलाह की जगह अब गूगल की सलाह से महत्वपूर्ण दवाईयां खासकर एंटीबायोटिक मेडिसिन का सेवन कर रहे हैं. जो मरीजों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. आपको ये बता दें कि ये जरूरी नहीं कि इंटरनेट पर दी गयी सभी जानकारियां सही और सच हों.
दवाइयों में खासकर एंटीबायोटिक एक ऐसी दवा है, जो इंफेक्शन व कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है. लेकिन एंटीबायोटिक्स का अगर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया, तो लाभ की जगह ये नुकसान पहुंचा सकती है. अगर आप जान लें कि एंटीबायोटिक्स कब इस्तेमाल करना चाहिए और कब नहीं, तो आप ख़ुद को व अपने परिवार को इसके खतरे से बचा सकते हैं. लोगों को यह पता ही नहीं होता कि एंटीबायोटिक का क्या इस्तेमाल है और कौन-कौन सी बीमारियों पर इसे लेना चाहिए. हल्की बीमारी होने पर भी लोग डॉक्टरी परामर्श छोड़कर गुगल व इंटरनेट की मदद से एंटीबायोटिक सर्च कर इसका सेवन करते हैं. यह काफी खतरनाक है.
कभी भी बीमार पडऩे की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लेना कि सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. किसी भी बीमारी के जांच रिपोर्ट आने के बाद ही किसी तरह के दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि डॉक्टर भी मानते है किसी किसी भी दवाइयों का ज्यादा सेवन कुछ समय के बाद उस मानव शरीर मे काम करना बंद कर देता है और ऐसे में जरूरी नहीं की इंटरनेट पर ली गई जानकारी वास्तविक जीवन में सही तरीके के सफल हो जाए.
एंटीबायोटिक्स सबसे ज़्यादा प्रिस्क्राइब की जानेवाली दवा बन गई है. चूंकि इससे तुरंत आराम मिलता है, कई बार लोग खुद इसकी चाह रखते हैं. कई डॉक्टर भी जरूरी न होने पर भी एंटीबायोटिक्स लिख देते हैं. कुल मिलाकर दुनियाभर में एंटीबायोटिक्स का उपयोग की जगह दुरुपयोग हो रहा है.