रांचीः झारखंड के स्कूल जाने वाले किशोर-किशोरी अपने स्वास्थ्य और कल्याण का खुद ख्याल रखेंगे. शिक्षक सहायक बनेंगे. लगभग 12,000 स्कूलों के कुछ शिक्षकों और विद्यार्थियों को चयनित कर आरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. ये मास्टर ट्रेनर बनकर लगातार दूसरे विद्यार्थियों को जागरूक कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संयुक्त रूप से स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिये इसकी जवाबदेही उठा रहा है.
इससे किशोर-किशोरियों को अपने स्वास्थ्य के बारे में समय पर सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी, साथ ही उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास पूर्ण रूप से हो सकेगा. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने 22 मार्च से 25 मार्च 2021 तक चले राज्यस्तरीय अपनी सुरक्षा अपने हाथ जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. अभियान के तहत राज्य के 14,500 स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को साफ-सफाई, मध्याह्न भोजन तथा शौचालय प्रबंधन एवं स्वच्छता से संबंधित सभी पहलुओं पर व्यापक जानकारी दी गई तथा इन्हें जागरूक किया गया.
स्वास्थ्य कार्यक्रम से जागरूकता का संचार
झारखंड के बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से सुदृढ़ हो सके, इस निमित्त 3 दिसंबर 2020 से राज्य में आयुष्मान भारत अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है, जिसके तहत स्कूलों में बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध, पोषण स्वास्थ्य और स्वच्छता, हिंसा, इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना जैसे विषय समाहित हैं.
आकांक्षी जिलों के बच्चों पर विशेष ध्यान
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों बोकारो, चतरा, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़ पलामू, रांची, साहेबगंज, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी और रामगढ़ में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के विद्यालय जाने वाले किशोर- किशोरियों को स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित जानकारी के साथ मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान किया जा रहा है.
विशेषज्ञों द्वारा मिला प्रशिक्षण
कार्यक्रम के तहत राज्य के लगभग 12000 सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त एवं आवासीय विद्यालयों के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहें हैं. कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु इन सभी विद्यालयों से शिक्षकों और विद्यार्थियों को विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत के रूप में चयनित किया गया है. इन सभी दूतों को विशेषज्ञों के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जिसके फलस्वरूप वे विद्यालयों के सभी छात्र-छात्राओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं सुरक्षित भविष्य गढ़ने हेतु प्रेरित करेंगे और आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे.