भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के लोगों ने कोरोना के साथ जीने की आदत भी डाल ली है. कोरोना महामारी के बीच दिनभर मास्क लगाने से लोगों को नाक से सांस लेने में परेशानी होती है. ऐसे में लोग मुंह से सासं लेते है, जबकि ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
इस बीच सांस लेने के लिए फेफड़ों(Lungs) को मजबूत करने के लिए घरेलू नुस्खों के साथ योग और प्राणायाम को अपना रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान सबसे ज्यादा मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है, इसलिए यदि सांस लेने के सही नियम को लोग जान लें तो फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं.
नाक से ही सांस क्यों लेनी चाहिए ?
यूं तो लोग नाक से ही सांस लेते हैं, लेकिन कई लोग सोते समय मुंह से सांस लेते हैं. वहीं कुछ लोग दिन में भी कई बार मुंह से सांस लेते हैं. नाक से सांस लेने पर हवा के साथ ऑक्सीजन फेफड़ों में जाती है, इसलिए नाक से सांस लेना ज्यादा फायदेमंद होता है, जबकि मुंह से सांस लेने पर पूरी हवा पेट में जाती है. ऐसे में फेफड़ों को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है.
इसका एक अन्य कारण यह भी है कि नाक से सांस लेने पर हवा में मौजूद धूल कण और रेशे श्वास नली में नहीं जा पाते हैं.नाक में मौजूद बाल कई अवांछित कणों को श्वास नली में जाने से रोक देते हैं. वहीं मुंह से सांस लेने पर धूल कण और गंदगी भी शरीर के अंदर चली जाती है, जिससे संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.
नाक से सांस लेने के फायदे
जिन लोगों को हर समय नाक से सांस लेने की आदत होती है, उन्हें अस्थमा और खर्राटे लेने की समस्या कम होती है. बदलते मौसम के कारण प्रदूषित हवा नाक से सांस लेने पर सीधे शरीर में नहीं पहुंच पाती है. इसके अतिरिक्त नाक से सांस लेने से एलर्जी की समस्या भी कम होती है.जो लोग मुंह से सांस लेते हैं, उन लोगों को खर्राटे लेने की समस्या हो सकती है. मुंह से सांस लेने पर सीने में भारीपन की समस्या हो सकती है. मानसिक थकान महसूस होती है. जो लोग मुंह