रांची : झारखंड में बीजेपी की नई कमेटी की घोषणा बहुत जल्द होने जा रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की टीम में संतुलन की राजनीतिक झलक पर सबकी निगाहें टिकी है. मतलब पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी के करीबियों को कितनी तरजीह मिलती है, इसका इंतजार रहेगा.
झारखंड में बीजेपी की नई प्रदेश कमेटी... प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की नई टीम... हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल बीजेपी का सांगठनिक स्वरूप, इन तमाम सवालों का जवाब बहुत जल्द मिलने जा रहा है. लॉकडाउन- 4 में मिली छूट के साथ ही झारखंड में सांगठनिक गतिविधि तेज हो गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के समक्ष संगठन के अंदर संतुलन की चुनौती है. आखिर किस तरह की है चुनौती इसे समझना जरूरी है.
ऐसे समझिये इन चुनौतियों को
- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का संगठन विस्तार .....
- दीपक प्रकाश की नई टीम .....
- नई टीम में बीजेपी के बड़े नेताओं का संतुलन .....
- पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबियों की नई कमिटी पर नजर .....
- केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के करीबियों की नई कमिटी से आस .....
- जेवीएम के बीजेपी में विलय के बाद बाबूलाल मरांडी के करीबियों की दावेदारी ....
- अनुभव का लाभ से लेकर युवा के जोश का संतुलन ......
- समाज के हर तबके की नई कमिटी में भागीदारी ......
राजनीतिक और सांगठनिक लिहाज से अगर बात करें तो बीजेपी कही से किसी और दल से कमजोर नहीं. हां ये बात जरूर है कि चुनावी राजनीति में बीजेपी की रणनीति उसके आकलन के अनुरूप नहीं रही. संगठन के मोर्चे पर बीजेपी ने खूब पसीना बहाया, पर कुछ एक संगठन के समर्पित पदाधिकारियों को छोड़ दें तो बाकि अपने-अपने प्रमंडल में पूरी तरह से असफल साबित हुये. ऐसे में नई कमेटी की घोषणा के दौरान नेताओं के रिपोर्ट कार्ड पर भी नजर रहेगी.
झारखंड में बीजेपी की नई प्रदेश कमेटी से भविष्य की राजनीति का तापमान तय होगा. प्रदेश में मुखर विपक्ष की भूमिका के लिये बेहतर टीम का निर्माण जरूरी है. शायद यही वजह है कि दीपक प्रकाश बेहतर संतुलन के साथ राजनीति के मैदान में कूदने को तैयार हो रहे हैं.