Vaccine Updates: भारत में वैक्सीन बनने के बाद से ही यह सवाल था की बच्चों के लिए वैक्सीन कब आएगी? कोरोना की दूसरी लहर में जब बच्चों में संक्रमण की संख्या बढ़ने लगी तो बच्चों के लिए वैक्सीन की जरुरत ज्यादा खलने लगी. उसके बाद ही बच्चों के लिए वैक्सीन बनने की प्रकिया में तेजी लाई गई.
अब तीसरी लहर में बच्चों में अधिक संक्रमण होने की आशंका में केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से सिफारिश की है कि तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए 2 से 17 साल तक के बच्चों पर ‘कोवोवैक्स’ टीके के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दे. जानकारी के मुताबिक अगर ट्रायल की अनुमति मिल जाती है तो, परीक्षण के लिए 10 जगहों पर 920 बच्चों को लिया जाएगा, जिनमें 2-11 और 12-17 आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिनमें प्रत्येक वर्ग में 460 बच्चे होंगे.
देश में 18 साल और उससे अधिक आयु वाले के भारतीय वाले लोगों में चल रहे वैक्सीनेशन का अध्ययन किया जा रहा है, ताकि टीके की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता को निर्धारित किया जा सके. पुणे की दवा कंपनी ने इस अध्ययन में बाल चिकत्सा टीम को भी शामिल करने लिए संशोधित प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया था.
बच्चों में टीकाकरण जरूरी
इसकी जानकारी देते हुए (SII) के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह और निदेशक डॉ. प्रसाद कुलकर्णी ने कहा था कि टीका लगने के बाद ही लोगों को सुरक्षित किया जा सकेगा और बच्चे अतिसंवेदनशील समूह में बने रहेंगे. जिसे द्यान में रखते हुए कई कंपनियों ने बच्चों में टीकों की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब तक बच्चों के साथ सभी आयु वर्ग के समूहों को टीकाकरण के तहत कवर नहीं किया जाता है, कोरोना वायरस प्रचलन में बना रह सकता है.
भारत बायोटेक की वैक्सीन का भी बच्चों पर ट्रायल
कुछ दिनों पहले बच्चों में वैक्सीनेशन को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने भी साफ किया था कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है, जिसके परिणाम सितंबर तक आ जाएंगे. ऐसे में सितंबर से बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का काम शुरू हो सकता है. वहीं गुलेरिया ने सितंबर तक तीसरी लहर आने की चेतावनी दी है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है. ऐसे में बच्चों को भी टीका लगाने से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग मजबूत हो सकती है. इतना ही नहीं कुछ दिनों पहले सरकार ने भी महामारी को लेकर आगाह करते हुए कहा था कि भले ही कोविड-19 ने अब तक बच्चों में गंभीर रूप नहीं लिया है, लेकिन वायरस के म्यूटेशन के बाद स्थिति बिगड़ सकती है.