मनोज कुमार सिंह/न्यूज़ 11 भारत
जमशेदपुर/डेस्क: जमशेदपुर में आदिवासी समाज के लोग 20 मई को दलमा सेंदरा पर्व मनेगा. सेंदरा पर्व को लेकर आदिवासी समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग दलमा के राजा मांझी बाबा परगना, मानकी बाबा, मुंडा बाबा के लोगों ने एक साथ बैठक की और 20 मई को सेंदरा पर्व मनाने का ऐलान किया है. और कहा है कि धूम-धाम से परम्परिक रिति- रिवाज के साथ पर्व मनाएंगे जिसका निर्णय लिया गया है.
सेंदरा पर्व को लेकर आदिवासी समाज के लोग गदरा स्थित दलमा राजा राकेश हेमब्रम के घर पर बैठक किया है और बैठक में सेंदरा पर्व की तारिक तय होने के बाद बिधि बिधान से लोगों ने सेंदरा पर्व की तैयारी की शुरूआत को लेकर पूजा-पाठ किया है और कहां है कि हर हाल में दलमा सेंदरा पर्व मनाएंगे. चाहे जितनी भी चुनौती की सामना करना पड़े. आदिवासी समाज के लोगों ने इसके लिए खजूर की पत्ता पर गाठ बांधकर अपने समाज के लोगों के बीच निमंत्रण भेजना शुरू कर दिया है. और कहां है की सेंदरा पर्व की निमंत्रण ओड़िसा बंगाल और झारखण्ड के बिभिन्न क्षेत्रों में भेजते है और ओड़िसा बंगाल और झारखण्ड के बिभिन्न क्षेत्रों से हजारों लोग सेंदरा पर्व मनाने आते है.
सेंदरा पर्व उनका परम्परिक पर्व है जिसके पीछे जंगली जानवरों का मारना नहीं बल्कि वनों में जाकर देवी देवताओं को पूजा करना है और वन पर्यावरण का संरक्षण करना है जिसे उनके पीढ़ी वाई पीढ़ी करते आये है और वन देवी देवताओ को पूजा पाठ के दौरान आने वाली संकट से लड़ना उनका उदेश्य है जिसके लिए वो अपने परम्परिक हथियार का इस्तेमाल करते है. और वैसे जानवरो को मारते है जो उनको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते है और इस बार भी उनकी वही तैयारी है. इसलिए वे अपने सदियों से चली आ रही परम्परा को जीवित रखने के लिये सेंदरा पर्व त्यौहार को मनाते है और इसमें सबका सहयोग मांगते है. लेकिन वही कहां है की आज के दौर में इसे दूसरे तरीके से देखा जा रहा है. एक तरफ वन विभाग रोकना चाहता है दूसरी तरफ सरकार और आजकल के आदिवासी नेता भी इसमें उनका सहयोग नहीं करते है. लेकिन पर्व तो पर्व है जिसे जरूर मनायेगे, जिसकी तैयारी शुरू हो गई है.